ये है वजह
जिला कृषि अधिकारी डॉ. रामप्रवेश वर्मा के मुताबिक इन 30 हजार किसानों के आधार कार्ड और खसरा-खतौनी में नाम, पता, पिता का नाम आदि कई तरह की गलतियां होने के कारण आवेदन में असमानता है। वहीं कुछ का आधार कार्ड उनके खाते से लिंक नहीं है। इस कारण चार किश्त के बाद 30 हजार किसानों की धनराशि रोकी गई है। शासन ने ऐसे सभी किसानों की अगली किश्त को रोककर संशोधन कराने के लिए कहा है।
यहां कराएं संशोधन
जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि किसान न्याय पंचायत या फिर कृषि विभाग से संशोधन करा सकते हैं। संशोधन के बाद उन्हें यहां प्रार्थना देना होगा। इसके बाद ही इन्हें सालाना छह हजार रुपए वाली इस योजना का लाभ मिल सकेगा। बता दें कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक कृषि विभाग में 2.69 लाख किसान पंजीकृत है। उनमें से 2.65 लाख किसानों के आवेदन के बाद उनके खाते में सम्मान निधि भेजी जा रही थी। 2.65 लाख किसानों में से 30 हजार किसानों की सम्मान निधि रोकी गई है।
22 हजार किसानों को आवेदन के बावजूद नहीं मिल रहा लाभ
इन 30 हजार किसानों के अलावा 22 हजार किसान ऐसे भी हैं जो कई बार आवेदन करने के बावजूद सम्मान निधि का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। तीन से चार बार फॉर्म भरकर जमा करने के बावजूद फॉर्म का सत्यापन नहीं किया गया। इस मामले में जिला कृषि अधिकारी डॉ. रामप्रवेश वर्मा का कहना है कि इन 22 हजार किसानों के आवेदन सत्यापन के लिए लेखपाल के पास भेजे गए हैं। किसान आगे कि स्थिति को जानने के लिए अपने क्षेत्र के लेखपालों से संपर्क कर सकते हैं।