बेल पत्र के औषधीय गुणों के कारण ये भोलेनाथ को अतिप्रिय है। इसके औषधीय गुणों ने भगवान शिव को भी उनकी तकलीफ के समय राहत दी थी। इसके पीछे एक कथा प्रचलित है। दरअसल समुद्र मंथन के बाद जब भगवान शिव ने संसार के कल्याण के लिए जब हलाहल नामक विष को अपने कंठ में धारण किया था, तब उनका कंठ नीला पड़ गया था और विष की गर्मी से उनका मस्तिष्क बुरी तरह गर्म हो गया था। देवताओं ने उन पर जल चढ़ाया, लेकिन बहुत ज्यादा लाभ नहीं हुआ। तब देवताओं ने उन्हें बेलपत्र खिलाना शुरू किया। बेलपत्र में विष को समाप्त करने का गुण होता है। लिहाजा बेलपत्र के सेवन से भगवान के सिर की गर्मी और कंठ की जलन शांत हो गई। तब से भोलेनाथ को बेलपत्र अति प्रिय हो गई। उनके पूजन के दौरान बेलपत्र चढ़ाने से वे अति प्रसन्न होते हैं।
जानिए महादेव की पसंदीदा बेलपत्र के अन्य औषधीय गुण जोड़ों में दर्द: जोड़ों का दर्द होने पर बेल के पत्ते गर्म करके दर्द वाली जगह बांधने से सूजन व दर्द में राहत मिलती है।
अस्थमा: अस्थमा व अन्य सांस की बीमारियों में बेल के पत्तों का काढ़ा काफी लाभकारी है। बुखार: बुखार आने पर बेल की पत्तियों को 1 से 2 गिलास पानी में अच्छे से पकाएं। आधा रह जाने पर छानकर गुनगुना पिएं। ऐसा करने से बुखार (Fever) ठीक हो जाएगा। विषम ज्वर होने पर इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर गोलियां बनाएं फिर गुड़ के साथ खाएं।
मासिक धर्म की अनियमितता: महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता, अधिक मासिक स्राव व श्वेतस्राव में बेलपत्र व जीरा पीसकर दूध में मिलाकर पीने से लाभ होता है। छाले: पेट की खराबी से अक्सर लोगों के मुंह में छाले हो जाते हैं। ऐसे में बेल की पत्तियों को मुंह में रखकर चबाते रहें। इससे काफी आराम होगा।
हृदय रोगी: बेलपत्र का काढ़ा रोजाना बनाकर पीने से आपका हृदय संबन्धी परेशानियां दूर होती हैं। बवासीर: बेल की जड़ का गूदा पीसकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर उसका चूर्ण बनाकर, इस चूर्ण को रोज़ सुबह-शाम ठंडे पानी के साथ खा लें। अगर बवासीर का दर्द बहुत अधिक है तो दिन में तीन से चार बार लें। इससे आपकी बवासीर (Piles) की समस्या तुरंत ठीक हो जाएगी।
लंबाई बढ़ाने में सहायक: जिन बच्चों की लंबाई न बढ़ रही हो, उन्हें तीन बिल्वपत्र व एक काली मिर्च सुबह खाली पेट चबाकर खाने के लिए दें। साथ ही ताड़ासन करवाएं। नाटे ठिंगने बच्चों के लिए यह प्रयोग आशीर्वाद की तरह है।
दस्त: बच्चों में दस्त की समस्या होने पर एक चम्मच बेल पत्र का रस पिलाने से तुरंत आराम मिलता है।