– ज्यादा तेज आवाज करने वाले पटाखों से दूरी बनाकर रखें। बहुत नजदीक से आवाज होने पर कान के परदे फट सकते हैं। – अस्थमा या सांस के रोगी हैं तो पटाखों के इर्द गिर्द न जाएं। धुएं और गैसों से अस्थमा अटैक पड़ सकता है। वहीं सांस के रोगियों की परेशानी भी बढ़ सकती है।
– डायबिटीज के मरीज पटाखों से बचकर रहें। किसी कारण यदि इंजरी हो गई तो ठीक मुश्किल से होती है। – छत या फिर पार्क में जाएं जैसी खुली जगहों पर पटाखे जलाएं।
– पटाखे चलाते समय कॉटन के ढीले ढाले कपड़े पहनें, सिंथेटिक कपड़ों से पूरी तरह परहेज करें। – घर पर फर्स्टएड बॉक्स तैयार करके जरूर रखें ताकि अगर छोटी मोटी समस्या आ भी जाए तो उससे निपटा जा सके। फर्स्टएड बॉक्स में पट्टी, रुई, पेनकिलर और आॅइनमेंट्स आदि रखें।
– ज्यादा जलने पर फौरन चिकित्सक को दिखाएं।