ज्योतिषाचार्य के मुताबिक राहू और केतू मूलतः ग्रह नहीं हैं बल्कि मैथमेटिकल पॉइंट्स हैं। इन्हें छाया ग्रह के तौर पर जाना जाता है। इनका हमारे अवचेतन मन पर जबर्दस्त प्रभाव होता है। कई बार ये हमारे अचेतन मन को भी बहुत प्रभावित करता है। राशि चक्र में ये किसी राशि के स्वामी नहीं होते हैं और हमेशा वक्री चाल से चलते हैं। हालांकि ट्रू नोड में कई बार ये सीढ़ी चाल में चलते हैं। लेकिन हम यहां मीन नोड के अनुसार बात कर रहे हैं, मीन नोड में राहू बादल यानी धुआं और केतू मोक्ष का प्रतिनिधित्व करता है, दोनों की चाल समझना आसान नहीं है और प्रायः ज्योतिषी इनकी चाल समझने में गलती करते हैं। लेकिन एक बात तय है कि राहु-केतु एक कार्मिक ग्रह हैं और इनका हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव है।