ताजमहल म्यूजियम का निर्माण 1982 में शाहजहां द्वारा कराया गया था। ये म्यूजियम ताजमहल के प्रवेश द्वार से अन्दर पहुंचते ही पश्चिमी दिशा में बने नौबतखाना में है। ये इमारत दो—मंजिला हैै जिसकी पहली मंजिल पर मुगलकालीन वस्तुओं के साथ इस म्यूजियम को बनाया गया है। एक गोल व चौकोर चबूतरे पर बनी इस इमारत को देखते ही आप मुगलकालीन समय में बनने वाली इमारतों की डिजायन आदि के बारे में कल्पना करने लगते हैं। ताज म्यूजियम सुबह 10 बजे से शाम को 5 बजे तक पर्यटकों के लिये खुला रहता है।
ये नायाब चीजें हैं म्यूजियम में
— ताज म्यूजियम में रखी ज्यादातर चीजें ताजमहल बनाने में प्रयुक्त की जाने वाली हैं। जैसे कि ताजमहल का संगमरमर व इसकी नक्काशी में प्रयुक्त किये गये पत्थर। इन पत्थरों को किन किन स्थानों से मंगाया गया था, ये भी पत्थरों के नमूनों के साथ अंकित है।
— मुगलकालीन अस्त्र शस्त्र के नायाब नमूनों के रूप में तलवार, भाले, ढाल आदि भी संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
— कुरान रखने का जड़ाऊ स्टैण्ड भी देखने लायक चीज है।
— संग्रहालय में एक रत्नजड़ित शीशा भी रखा है जिसका प्रयोग मुगलकाल में साज श्रंगार करते समय किया जाता रहा होगा।
— यहां एक विशेष गुण वाला प्याला या कटोरा संग्रहित है जिसके बारे में कहा जाता है कि इस प्याले का प्रयोग शाहजहां के भोजन करते समय ये पता करने के लिये किया जाता था कि कहीं वो भोजन जहरीला तो नहीं है। इस कटोरे में जहरीला भोजन डालते ही इसका रंग बदल जाता था।
— ताजमहल बनने से पहले बनाया गया मानचित्र आज भी म्यूजियम में लगा है।
— मुगलकालीन सिक्के, मोहरें, लकड़ी, कागजों पर हाथों द्वारा बनाये गये राजा रानी के चित्र भी यहां हैं।
— हाथी दांत पर बने मुुमताज और शाहजहां का चित्र देखने लायक है।
— युद्ध रणननीति को दर्शाती कुछ पेंटिंग्स को भी एक बार देखा जाना चाहिए।
— जहांगीर, शाहजहां एवं अन्य शाही परिवार के लोगों के भी चित्र इस म्यूजियम में लगे हैं।
— चीनी मिट्टी के बने कुछ शाही बर्तन भी मुगलकालीन रहन सहन को दर्शाते हैं।
— शाही परिवार द्वारा जारी किये गये फरमान व भूमि अभिलेख भी यहां मौजूद हैं।