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मामला थाना सदर बाजार के प्रतापुरा क्षेत्र का है। यहां एलआईसी के प्रशासनिक अधिकारी धर्मेंद्र उपाध्याय एनके ऑटो पार्ट्स की दुकान पर एसेसिरीज खरीद रहे थे। उनकी कार दुकान के सामने खड़ी थी, इस दौरान वहां आए एक सिपाही ने यह कहकर गाड़ी दूर खड़ी करवा दी कि कोई वीआईपी आने वाला है। कार में उनका बेटा अर्पित बैठा था। अर्पित का भाई अंशुमान भी वहां पर खड़ा था।
मामला थाना सदर बाजार के प्रतापुरा क्षेत्र का है। यहां एलआईसी के प्रशासनिक अधिकारी धर्मेंद्र उपाध्याय एनके ऑटो पार्ट्स की दुकान पर एसेसिरीज खरीद रहे थे। उनकी कार दुकान के सामने खड़ी थी, इस दौरान वहां आए एक सिपाही ने यह कहकर गाड़ी दूर खड़ी करवा दी कि कोई वीआईपी आने वाला है। कार में उनका बेटा अर्पित बैठा था। अर्पित का भाई अंशुमान भी वहां पर खड़ा था।
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बदमाश वहां आए और अंशुमन से कहा कि उसके पापा बुला रहे हैं। अंशुमन जैसे ही वहां से अपने पिता की ओर जाने लगा, बदमाशों ने एलआईसी अधिकारी की गाड़ी को कब्जे में लिया और अर्पित को लेकर वहां से भाग निकले। घटना के समय पुलिस जीप सामने ही खड़ी थी। वारदात की सूचना मिलते ही एसएसपी जोगेंद्र सिंह ने शहर भर में चेकिंग कराई, जिसके चलते अपहर्ता खंदौली क्षेत्र में अर्पित को छोड़कर फरार हो गए। हालांकि कार का पता नहीं चला है।
बदमाश वहां आए और अंशुमन से कहा कि उसके पापा बुला रहे हैं। अंशुमन जैसे ही वहां से अपने पिता की ओर जाने लगा, बदमाशों ने एलआईसी अधिकारी की गाड़ी को कब्जे में लिया और अर्पित को लेकर वहां से भाग निकले। घटना के समय पुलिस जीप सामने ही खड़ी थी। वारदात की सूचना मिलते ही एसएसपी जोगेंद्र सिंह ने शहर भर में चेकिंग कराई, जिसके चलते अपहर्ता खंदौली क्षेत्र में अर्पित को छोड़कर फरार हो गए। हालांकि कार का पता नहीं चला है।