नाली, खरंजा, बिजली, पानी, सड़क, एयरपोर्ट, उद्योग, हाईकोर्ट खंडपीठ के साथ यमुना, प्रदूषण, गिरता भूजल, वाटर हार्वेस्टिंग, ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत भी मुद्दा होना चाहिए
SP singh baghel
डॉ. भानु प्रताप सिंहआगरा। भारतीय जनता पार्टी के आगरा सुरक्षित लोक सभा क्षेत्र से प्रत्याशी प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल हैं। वे जलेसर संसदीय क्षेत्र से तीन बार सांसद रहे हैं। राज्यसभा सदस्य भी रहे हैं। इस समय टूंडला से विधायक हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में पशुधन विकास मंत्री हैं। जैसे ही उनका नाम प्रत्याशी के रूप में घोषित किया गया, सबने खुशी प्रकट की। देश के सबसे कम उम्र के सांसद होने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा के रूप में नौकरी शुरू की। 1998 में पहला चुनाव जलेसर सीट से लड़ा। बघेल भाजपा के स्टार प्रचारक हैं। उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है। प्रो. एसपी सिंह बघेल ने भाजपा नेता डॉ. पार्थसारथी शर्मा के आवास विकास कॉलोनी स्थित आवास पर पत्रिका से लंबी बातचीत की। वे चाहते हैं कि नाली, खरंजा, बिजली, पानी, सड़क, एयरपोर्ट, उद्योग, हाईकोर्ट खंडपीठ के साथ यमुना, प्रदूषण, गिरता भूजल, वाटर हार्वेस्टिंग, ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत भी मुद्दा होने चाहिए। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश-
पत्रिकाः आपके प्रत्याशी घोषित होने पर आम जनता ने खुशी प्रकट की, आखिर क्यों? प्रो. एसपी सिंह बघेलः पार्टी टिकट देती है, लेकिन जीत का सर्टिफिकेट मतदाता के पास होता है। मेरे प्रत्याशी घोषित होने पर जनता ने महाहर्ष प्रकट किया। इसका कारण यह है कि मैं 25 साल से आगर शहर में रह रहा हूं। 21 साल से सांसद, राज्यसभा सदस्य, विधायक और अब उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हूं। ऐसे पदों पर रहा हूं, जिसकी कलम में बड़ी ताकत होती थी। आगरा में रहकर सुबह जब उठूंगा तो निश्चित रूप से पब्लिक से मिलूंगा। अगर 100 लोग मिलने आते थे तो उसमें 70 लोग आगरा के रहते थे। आगरा के लोग एक बटन दबाते थे और एक सांसद फ्री में पाते थे। बटन दबाते थे आगरा के एमपी के लिए और जलेसर में भी बनता था एमपी। जलेसर से तीन बार सांसद रहा। आगरा का एक हिस्सा मेरे पास था एत्मादपुर। मैं यह नहीं कह सकता था कि एत्मादपुर वाले तो यहां बैठें और बाह, फतेहाबाद, खेरागढ़, छावनी, उत्तर, दक्षिण वाले बाहर जाओ। कोई भी पढ़ा लिखा आदमी जाति, पार्टी और क्षेत्र नहीं पूछता है। भगवान ने हमें सेवा के लिए पैदा किया है। कभी भी जाति बंधन में बंधकर काम नहीं करना चाहिए। इसलिए राजीतिक व्यक्ति को बहुत विशाल हृदय का होना चाहिए। जलेसर का 42 फीसदी मतदाता आगरा में आ चुका है।
पत्रिकाः आगरा से जुड़ाव किस तरह से है? प्रो. एसपी सिंह बघेलः आप देखते होंगे कि आगरा के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में जितनी आगरा के एमपी एमएलए की हाजिरी होती है, आप मेरी भी कभी-कभी देखते होंगे। 25 साल से बिना भेदभाव के जो सेवा की है, उसका प्रतिफल आज मिल रहा है।
पत्रिकाः जब भी आगरा के मुद्दों की बात होती है तो उद्योग, पर्यटन उद्योग, जूता उद्योग आदि की बात होती है लेकिन आगरा का बचपन, आगरा का प्रदूषण, आगरा की यमुना, भूजल स्तर के बारे में कोई नहीं सोचता है, आप क्या सोचते हैं?
प्रो. एसपी सिंह बघेलः नई पीढ़ी बड़ी हो रही है। वह आपसे ग्लोबल वार्मिंग, वाटर हार्वेस्टिंग, ओजोन परत, प्रदूषण पर भी बात करेगी। मैं तो इस पीढ़ी के बड़े होने का बहुत दिनों से इंतजार कर रहा था। ये जाति, क्षेत्र, धर्म और गोत्र कब खत्म होगा? इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि बढ़ता प्रदूषण बहुत बड़ी समस्या है।
पत्रिकाः आगरा के भूजल स्तर के बारे में क्या अनुभव है? प्रो. एसपी सिंह बघेलः जब मैं आगरा आया था तो वाटर वर्क्स द्वारा भेजा गया पानी टंकी में चढ़ता था। फिर उसने चढ़ना बंद कर दिया तो चिल्लू भाई (टिल्लू पम्प) आए। टिल्लू हांफ गया तो जेट आया। जब जेट ने मना कर दिया तो समर बहनजी (सबमर्सिबल पम्प) आईं। आजकल समर भी बहुत नाराज है। अब आने वाले 25 साल में क्या होगा, यह सांख्यिकी का छोटा सा सवाल है।
पत्रिकाः यमुना जी कैसे साफ होंगी? प्रो. एसपी सिंह बघेलः गडकरी जी (केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी) ने वादा किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साफ कहते हैं कि गंगा साफ तब होगी, जब यमुना साफ होगी। गंगोत्री से गंगाजी और यमुनोत्री से यमुना जी निकलती हैं और प्रयागराग में दोनों जाकर मिल जाती हैं। अगर गंगोत्री से गंगाजी को साफ करते हुए लाए तो संगम पर जाकर यमुना मिल रही है। वहां फिर गंदी होगी। मैं तो ट्रिब्यूटरी की हमेशा बात करता हूं। करवन, ईशन, सिरसा, सेंगर, काली नदी है। इनमें किसी न किसी इंडस्ट्री की केमिकल आएगा। वह यमुना में आएगा। यमुना जी गंगाजी में जाएंगी। गंगाजी बंगाल की खाड़ी में गंगासागर में जाकर मिलती हैं। हमें ध्यान देना होगा। यमुना एक्शन प्लान बन चुका है। हमें दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि जितना पानी होना चाहिए, उतना नहीं है। हरियाणा से बात हुई है। पानी दिल्ली में रुक जाता है। हमें पानी नहीं मिल पा रहा है और इसके प्राकृतिक कारण भी हैं। गंगोत्री, यमुनोत्री पर जाकर देखिए, अपस्ट्रीम में भी पानी कम होता जा रहा है। ग्लेशियर की समस्या है। बारिश भी कम हो रही है।
पत्रिकाः फिर क्या होना चाहिए? प्रो. एसपी सिंह बघेलः सड़क बिजली, पानी, नाली, खरंजा, स्कूल के साथ-साथ ओजोन परत, ग्लोबल वार्मिंग, वाटर हार्वेस्टिंग, प्रदूषण, ग्रीन गैस, ये भी हमारे एजेंडे में जरूर होने चाहिए।
पत्रिकाः चुनाव प्रचार के दौरान क्या लोग नाली, खरंजा, हैंडपम्प की मांग कर रहे हैं? प्रो. एसपी सिंह बघेलः बिलकुल करते हैं साहब। ये भी मुद्दा है। आप पत्रकार लोग अगला सवाल इंटरनेशनल एय़रपोर्ट, इंटरनेशनल स्टेडियम, हाईकोर्ट पर पूछेंगे। ये भी हमारी बड़ी समस्या हैं। लेकिन जिस बस्ती में हजार बारह सौ लोग गंदे नाले के किनारे रहते हैं, गलियां बजबजा रही हैं, उनके लिए पहली प्राथमिकता है कि गली बन जाए। जहां अधेरा है, वहां रोशनी आ जाए। जहां पीने का पानी नहीं है, वहां नल लग जाए। उसके लिए वही ताजमहल है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान मैंने कहा है कि जो भी चीज आए, उसे नोट करें। एक सज्जन ने मुझे सीवर लाइन के ढक्कन के बारे में बताया। उसके लिए यह ढक्कन ही सबसे बड़ी समस्या है। खुले हुए ढक्कन में बच्चे गिर सकते हैं।
पत्रिकाः इसका मतलब है कि आगरा के विकास का ब्ल्यूप्रिंट साथ-साथ बना रहे हैं? प्रो. एसपी सिंह बघेलः बनाना चाहिए, लेकिन 20 दिन में नहीं बन पाएगा। उसको संगठन के माध्यम से बनाएंगे। एक तरफ आगरा को छह महीने घूमो, आँख से देखो और एक तरफ संगठन पर विश्वास करो। भारतीय जनता पार्टी के संगठन में पन्ना प्रमुख भी है। उन्हें बुलाएंगे और समस्या पूछेंगे। आगरा स्तर की भी समस्याएं हैं।
पत्रिकाः देशस्तर की भी तो समस्याएं हैं, उनका क्या? प्रो. एसपी सिंह बघेलः देश 60 साल तक झोलाछाप डॉक्टरों से पेट फड़वाए और फिर एम्स में इलाज कराए और दो दिन में कहे कि अभी तो चलना शुरू नहीं किया। ऐसे में डॉक्टर गलत नहीं है। हम बेईमान हैं। जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, देवगौड़ा, गुजराल, मनमोहन सिंह को कई मौके दिए जा सकते हैं तो एक मौका मुझे जरूर दें।
पत्रिकाः विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने कहा है कि आप चार लाख वोटों से चुनाव जीतेंगे। आपका क्या अनुमान है? प्रो. एसपी सिंह बघेलः इस जीत में विधायक जी का निजी योगदान बहुत रहेगा। ये अजातशत्रु हैं। इन्होंने किसी का बुरा नहीं किया है। पहले जनता एमपी एमएलए को इसलिए चुनती थी कि कोई गुंडा परेशान करेगा तो हमारा साथ देंगे। आजकल एमपी एमएलए से ही लोगों को परेशानी हो रही है। ये ऐसे विधायक हैं, जो कम से कम किसी का नुकसान तो नहीं करते हैं। काठ की हांडी एक बार चढ़ती है, पांच बार नहीं चढ़ती है। हमारे योगेन्द्र उपाध्याय दूसरी बार विधायक बने हैं। उससे पहले सभासद रहे। काठ की हांडी होती तो एक बार में खत्म हो गई होती। हमारी जीत में बूथ अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के परिश्रम की पराकाष्ठा रहेगी।
पत्रिकाः आपकी दिनचर्या क्या है इस समय? प्रो. एसपी सिंह बघेलः वही दिनचर्या है, जो पिछले 26 साल से है। थोड़ा खर्चा बढ़ गया है। जब से राजनीति में आया हूं, रोजाना पांच गांव करता हूं। मैं कोई शादी विवाह, तेरहवीं, भागवत कथा, रसिया, दंगल, कुंआ पूजन, एकादशी व्रत कथा उद्यान छोड़ता नहीं हूं। ये घंटे-दो घंटे में नहीं होते हैं। दिनचर्या यही है कि सुबह लोगों से मिलना। फिर संगठन एक पर्चा पकड़ा देता है कि यहां जाना है। उसके बाद रात्रि में तीन बजे सोने जाता हूं। आम जीवन में एक से दो बजे के बीच और अब तीन से चार बजे के बीच सोने जा रहा हूं। आप सुबह जागना न चाहें तो भीड़ जिन्दाबाद कहकर जगा ही देती है।
पत्रिकाः राजनीति में रहकेर स्वस्थ कैसे रह सकते हैं? प्रो. एसपी सिंह बघेलः जो लोग छह घंटे से ज्यादा सोते हैं, वे डॉक्टर को जरूर दिखाएं क्योंकि वे बीमार हैं। मैं पिछले 26 साल से चार से साढ़े पांच घंटा सोता हूं। अभी भी ये लोग मेरे साथ चल नहीं पा रहे हैं। लोकसभा लड़ने का यह मेरा आठवां चुनाव है। कुल मिलाकर 23 साल में 10वां चुनाव लड़ रहा हूं। बस मस्त रहिए। सात्विक भोजन करिए। शाकाहारी रहें। नशा न करें।
पत्रिकाः फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में क्या होने वाला है? प्रो. एसपी सिंह बघेलः हमारे किसान नेता राजुकमार चाहर शतप्रतिशत जीत रहे हैं। मैं जातिवाद की बात नहीं करूंगा, लेकिन मेरे स्वयं के 122 गांव बाह में, 87 फतेहाबाद में, 86 खेरागढ़ में, 70 फतेहपुर सीकरी में और 83 गांव आगरा ग्रामीण में हैं।