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ब्रज में 2019 के लिए इन सीटों पर भाजपा की मुसीबतें बढ़ाएगा गठबंधन

locationआगराPublished: May 24, 2018 05:39:59 pm

सुरक्षित सीट आगरा, फतेहपुरसीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा में भाजपा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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ब्रज में 2019 के लिए इन सीटों पर भाजपा की मुसीबतें बढ़ाएगा गठबंधन

आगरा। लोकसभा के लिए महागठबंधन तैयार हो चुका है। फूलपुर, गोरखपुर के उपचुनावों के बाद अब प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में भी गठबंधन हो रहा है। मोदी को रोकने के लिए महागठबंधन ब्रज में बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। ब्रज की बात करें तो मैनपुरी और फिरोजाबाद जनपद में समाजवादी पार्टी के सांसद हैं। वहीं आगरा की दोनों सीटों पर भाजपा और मथुरा की सीट पर भी भाजपा सांसद हैं।
गरा में माया का हाथी बिगाड़ सकता है खेल
ताजनगरी में इस बार फतेहपुरसीकरी और आगरा सुरक्षित पर भाजपा सांसद हैं। फतेहपुर सीकरी से चौधरी बाबूलाल सांसद हैं। इस सीट की बात करें तो 2009 चुनावों में बहुजन समाज पार्टी की सीमा उपाध्याय ने यहां से चुनाव जीता था। राजनीति के जानकारों का मानना है कि लोकसभा 2019 के लिए गठबंधन में माया की पार्टी को इस सीट पर जबरदस्त लाभ मिल सकता है। यहां ठाकुर और जाट वोट बराबर है। ब्राह्मण प्रत्याशी इसका लाभ ले सकता है। गठबंधन में बसपा को ये सीट मिलती है तो भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। वहीं आगरा सुरक्षित सीट पर इस समय डॉ.रामशंकर कठेरिया दो बार के सांसद है। पिछले चुनाव में उन्होंने मोदी लहर में बड़ी जीत हासिल की थी। लेकिन, यदि 2009 के चुनाव में उनकी टक्कर हाथी से हुई थी। गठबंधन में 2009 के समीकरण यदि बैठे तो उनकी सीट पर भी तलवार लटकती हुई दिख रही है।
मैनपुरी में चला है मुलायम का जादू
2017 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी खेमे में हुए विवादों के बीच हुआ था। लेकिन, मैनपुरी में मुलायम का जादू चला था। यहां से विधानसभा की तीन सीटों पर सपा ने जीत हासिल की थी। वहीं लोकसभा की सीटों पर भाजपा को हरा पाना मुश्किल भरा काम रहा है। इस सीट को मुलायम सिंह ने जीता था। लेकिन, उन्होंने मैनपुरी की सीट छोड़कर तेजप्रताप को यहां से चुनाव लड़ाया। तेजप्रताप ने ये सीट पांच लाख से अधिक वोट से जीती। ऐसे में इस सीट पर चाहे गठबंधन हो या नहीं सपा की पक्की मानी जा रही है।
फिरोजाबाद में डूब गई भाजपा की लुटिया
फिरोजाबाद लोकसभा सीट भाजपा के लिए कांटों भरी रही है। फिरोजाबाद से राजबब्बर ने डिंपल यादव को हराया तो सभी हैरान रह गए थे। लेकिन, इसी सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा के अक्षय यादव ने बड़ी जीत हासिल कर मोदी की लहर को किनारे कर दिया था। सपा के पास ये सीट होने का फायदा गठबंधन में भाजपा के लिए कड़ी चुनौती देने वाला हो सकता है।

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