वर्ष 2002 में राजकुमार चाहर ने बसपा के टिकट पर पहली बार फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उस समय उन्हें वर्तमान सांसद और तत्कालीन रालोद प्रत्याशी चौधरी बाबूलाल ने शिकस्त दी थी। राजकुमार चाहर को 30,970 वोट मिले थे, जबकि चौधरी बाबूलाल को 50,073 वोट मिले थे। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2007 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर इसी सीट से फिर से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भी उन्हें शिकस्त मिली। बसपा प्रत्याशी सूरजपाल ने उन्हें हरा दिया, हालांकि वे बहुत मामूली अंतर से हारे। सूरजपाल को 44,856 और राजकुमार चाहर को 43,407 वोट मिले थे।
इसके बाद राजकुमार चाहर ने वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में फिर से फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ा। 2012 में उन्हें बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो वे निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन एक बार फिर बसपा प्रत्याशी सूरजपाल ने उन्हें शिकस्त दे दी। सूरजपाल को 67, 191 और राजकुमार चाहर को 61,568 वोट मिले। इस तरह राजकुमार चाहर ने तीन बार विधानसभा चुनाव एक ही सीट से तीन अलग अलग चुनाव चिन्हों पर लड़ा, लेकिन जीत का स्वाद नहीं चख सके। बता दें कि सूरजपाल कुछ समय तक राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं, वहीं यूथ कांग्रेस में भी लंबे समय तक सक्रिय रहे हैं।