'लाल बम' ने हिला दिया यूपी का ये शहर, हो गई चार की मौत
शहर में धड़ल्ले से हो रही एक्सपायरी डेट की सिलिंडर की सप्लाई, विभाग नहीं करता कार्रवाई, सिलिंडर लेने से परख लें ये चीजें

आगरा। आगरा में थाना इरादतनगर के गांव डाढकी में मानसिंह के घर में रसोई गैस सिलिंडर ने बड़ी तबाही मचा दी। चार लोगों की मौत हो गई वहीं आधा दर्जन लोग घायल हो गए। इस वारदात ने कई सवाल खड़े कर दिए है। सूत्रों के मुताबिक देहात में गैस सिलिंडर के नाम पर बड़ा गोरखधंधा किया जा रहा है। विभाग की सांठगांठ के चलते लोगों को एक्सपायरी डेट के सिलिंडर सप्लाई किए जा रहे हैं।
विभाग की कार्रवाई में पकड़े जाते रहे हैं धपलेबाज
गैस रिफिलिंग और नकली सिलिंडर का धंधा शहर में जोरों पर चलता है। खंदारी मउ रोड, नगला पदी, ट्रांसयमुना, सिकंदरा के अरतौनी, बिचपुरी, खेरिया मोड, धनौली सहित कई स्थानों पर अवैध रिफिलिंग की जाती है। कई बार चार पहिया वाहनों में गैस रिफिलिंग करते समय आग जैसी घटनाएं भी घटित हुई है। लेकिन, विभाग ने इन हादसों से कोई सबक नहीं लिया है। विभाग की लचर कार्यप्रणाली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले डेढ़ साल से शहर में सिलिंडर चेकिंग के लिए कोई अभियान नहीं चलाया गया है। जबकि शहर में हॉकरों द्वारा सिकंदरा इंड्रस्टियल एरिया, बिचपुरी रोड, नाई की मंडी थाने के ठीक सामने, इंद्रपुरी न्यू आगरा सहित कई जगहों पर घरेलू गैस से रिफिलिंग की जाती है। विभाग की नाक के नीचे ये धंधा जोरों पर पनपता है लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। डीएसओ इस बारे में कब संज्ञान लेंगे, ये यज्ञ प्रश्न है।
ऐसे करें सिलिंडर की जांच, नहीं होगी दुर्घटना
हॉकर से सिलिंडर लेते समय कुछ चीजों पर गौर करना जरूरी है। सिलिंडर पर कुछ नंबर होते हैं, जिनसे उसकी एक्सपायरी की जांच की जा सकती है।
सिलेंडर के नीचे लाल रंग की तीन लोहे की पट्टियां होती हैं। इसके ऊपर कुछ नंबर लिखे होते हैं। ये जो नंबर होते हैं, उसका फॉर्मेट कुछ इस तरह है-C 18. B 20. इस तरह का। 18 तो संख्या है, समझ आती है। लेकिन, ये C और B से क्या समझें? जैसे साल में 12 महीने होते हैं उसी तरह ये चार हिस्सों में बंटा होता है। यदि B 20 है तो इसका अर्थ है कि सिलिंडर साल 2020 में एक्सपायर हो रहा है। जब गैसवाला आपके घर सिलेंडर देने आए तो उस पट्टी पर अंकित नंबर जरूर देख लें और एक्सपायरी डेट वाला सिलेंडर न लें।
आग लगने पर ऐसे करें बचाव
नए सिलिंडर को लेने से पहले उसकी कंपनी सील और कैप जांच लें।
हर दो साल में कंपनी के मैकेनिक से अपने गैस चूल्हे की जांच कराए।
गैस का प्रयोग ना करते समय और रात को सोने से पहले रेगुलेटर की नोब को बंद कर दें।
गैस सिलेंडर को किसी गर्मी के स्रोत और ज्वलनशील पदार्थ जैसे केरोसिन इत्यादि से दूर रखें।
इलेक्ट्रिक उपकरण जैसे फ्रिज इत्यादि भी रसोई में न रखें।
कभी भी गैस लीकेज होने पर घर के बिजली के स्विच, घर के दरवाजे और खिड़कियां खोल दें।
सेफ्टी कैप को सिलेंडर के ऊपर वापस लगा देने से गैस का रिसाव बंद हो जाता है।
रसोई में सूती कपड़े पहने रहें।
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