शहीदनगर तिराहे पर दर्जनों मांसाहारी ढाबे और रेस्टोरेंट खुले हुए हैं। शाम होते ही ये मांसाहारी रेस्टोरेंट मदिरालय बन जाते हैं। हर रेस्टोरेंट के बाहर भीड़ जमा हो जाती है। घरों के आगे कारें और बाइक खड़ी कर दी जाती हैं। शाम होने के बाद लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। स्थानीय निवासी इन लोगों को टोकते हैं तो मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। महिलाओं से अभद्रता करते हैं। लोगों ने अपने स्तर पर इस मामले को निपटाने का प्रयास किया। पुलिस से शिकायत की। रेस्टोरेंट वालों को समझाया। फिर भी कुछ नहीं हुआ। रेस्टोरेंट वालों ने ऐलान दिया कि जो करना है कर लो।
इसके बाद करीब 30 घरों पर ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर चस्पा कर दिए गए। मीडिया को अवगत कराया गया। विमलेश कुमारी और राजकुमारी ने मीडिया को बताया कि हमें शराब पीने वालों ने दुखी कर रखा है। घरों के सामने कारें खड़ी कर जाते हैं। टोको तो झगड़ा करते हैं। राजकुमारी के घर के ऊपर अस्पताल चल रहा है। फिर भी वह मकान बेचने को तैयार है। क्षेत्रीय पार्षद जगदीश पचौरी ने बताया कि हमने कई बार प्रयास किया लेकिन मांसाहारी रेस्टोरेंट चलाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। पहली बार लोग एकजुट हुए हैं। रात के 12 बजे तक यही माहौल रहता है। पुलिस वाले भी यहां आकर खानपीन करते हैं।
मामला मीडिया में उछलने के बाद पुलिस-प्रशासन जागा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार (SSP Bablu kumar) ने गुरुवार को पुलिस अधीक्षक नगर प्रशांत वर्मा, पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर विकास जैसवाल और थानाध्यक्ष सदर कमलेश सिंह को मौके पर भेजा। जिलाधिकारी एनजी रविकुमार ने अपर जिलाधिकारी नगर केपी सिंह को भेजा। स्थानीय निवासियों से बातचीत की। फिर रेस्टोरेंट में कोयले से चल रही भट्ठियों को तुड़वा दिया। ताज संरक्षित क्षेत्र (टीटीजेड) में कोयले का प्रयोग प्रतिबंधित है। लाइसेंस चेक किए गए। सबको हिदायत दी गई कि अगर सड़क पर पार्किंग कराई तो कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में अपर जिलाधिकारी नगर केपी सिंह ने कहा- सावन का महीना है। दूसरे सोमवार को परिक्रमा निकलेगी। इसे देखते हुए कार्रवाई की जा रही है। अवैध ढाबे बंद कराए जा रहे हैं। लाइसेंस देखे जा रहे हैं। यहां के लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। डरने की जरूरत नहीं है।