scriptमकर संक्रांति 2020: दान पुण्य का ये त्योहार 15 जनवरी को, जानिए तिल व खिचड़ी दान का महत्व | makar sankranti 2020 date til and khichdi daan ka mahatva in hindi | Patrika News
आगरा

मकर संक्रांति 2020: दान पुण्य का ये त्योहार 15 जनवरी को, जानिए तिल व खिचड़ी दान का महत्व

 
मकर संक्रांति को देवदान का दिन भी कहा जाता है। जानिए इस दिन दान का महत्व व शुभ समय।

आगराJan 13, 2020 / 10:50 am

suchita mishra

Makar Sankranti

Makar Sankranti

आगरा। मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2020) का त्योहार आमतौर पर 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार ये 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इसलिए अगर आपके मन में इसे लेकर कोई भी संशय है तो अब उसे खत्म कर दीजिए। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। एक राशि से दूसरे में प्रवेश करने की प्रक्रिया को संक्रांति कहा जाता है। इस बार सूर्य 14 जनवरी की मध्य रात्रि में मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस कारण ये त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
संक्रांति को माना जाता है देवदान का दिन
Makar Sankranti के दिन दान का विशेष महत्व माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन देवतागण छह माह की नींद के बाद जागते हैं। देव जागरण के इस अवसर पर किए गए दान का सौ गुना फल होता है। यही कारण है कि मकर संक्रांति को देवदान का दिन भी कहा जाता है। इसके अलावा इस दिन स्नान, दान, जप, तप या किसी अनुष्ठान को करने का भी बहुत बड़ा पुण्य मिलता है।
तिल व खिचड़ी दान का महत्व
मकर संक्रांति के दिन उड़द की दाल की खिचड़ी और तिल व गुड़ से निर्मित चीजों का चिशेष रूप से दान किया जाता है। दरअसल मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर राशि के स्वामी शनिदेव होते हैं। शनिदेव सूर्य देव के पुत्र हैं। माना जाता है संक्रांति के दिन सूर्य देव अपनी नाराजगी भुलाकर पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं। इसलिए इसे बेहद शुभ समय माना जाता है। इस शुभ अवसर पर सूर्य व शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पसंदीदा चीजों को दान किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र अनुसार तेल शनिदेव का और गुड़ सूर्यदेव का पसंदीदा खाद्य पदार्थ है। इसलिए तिल व तेल से निर्मित लड्डुओं के दान और इनके सेवन का विशेष महत्व है। इसके अलावा काली वस्तुएं शनिदेव को समर्पित मानी जाती हैं, वहीं चावल भगवान सूर्य को पसंद हैं, इसलिए संक्रांति के दिन काली उड़द की दाल की खिचड़ी के दान व सेवन किया जाता है। इसके अलावा जरूरतमंदों की सेवा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है, इसलिए इस दिन कंबल, कपड़े व अन्य जरूरत की चीजें भी दान की जाती हैं।
संक्रांति के शुभ मुहूर्त

संक्रांति काल – 15 जनवरी 07:19 बजे

पुण्यकाल – 07:19 से 12:31 बजे तक

महापुण्य काल – 07:19 से 09:03 बजे तक

संक्रांति स्नान – 15 जनवरी 2020 प्रात:काल
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