script

शुरू हो रहे मलमास, ज्योतिषाचार्य से जानिए पूरे माह क्या करें और क्या नहीं करें

locationआगराPublished: Dec 15, 2018 10:10:44 am

शुभ कार्यों में खर मास क्यों वर्जित माना जाता है, 16 दिसंबर से आरम्भ होगा खरमास, ज्योतिषाचार्य से जानिए क्या करें और क्या न करें

khar maas, mal maas, mal maas 2018

शुरू हो रहे मलमास, ज्योतिषाचार्य से जानिए पूरे माह क्या करें और क्या नहीं करें

आगरा। भारतीय वैदिक हिन्दू पंचाग के अनुसार जब सूर्य ग्रह अपनी गोचरीय भ्रमण चाल के दौरान धनु राशि में संक्रांति करते हैं तो यह समय शुभ कार्यों के लिए नहीं माना जाता है। यही कारण है कि जब तक सूर्य ग्रह गोचरीय ग्रह चाल में धनु राशि से मकर राशि में संक्रमित नहीं होते तब तक किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते। यह समय सौर पौष मास का होता है जिसे खर मास कहा जाता है।
16 से शुरू होगा खरमास
खरमास 16 दिसंबर से शुरू होगा जो 14 जनवरी 2019 को रात्रि 7 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। वैदिक प्राचीन हिन्दू पौराणिक शास्त्रों में माना जाता है कि इस मास में सूर्य देवता के रथ को घोड़ों की जगह गधे खींचते हैं। इसलिए रथ की गति धीमी होने के कारण ही इस मास में अत्यधिक सर्दी भी पड़ती है। विशेषकर उत्तरी भारत में खर मास की मान्यता अधिक है। लेकिन, दक्षिण भारत में इसकी मान्यता अधिक नहीं है।
मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि खर मास में 16 दिसंबर के आस पास सूर्य देव के धनु राशि में संक्रमण से शुरू होता है। 14 जनवरी को मकर राशि में संक्रमण होने तक रहता है। इस बार सूर्य ग्रह की मकर सक्रांति 14 जनवरी 2019 को रात्रि 7 बजकर 43 मिनट पर होगी। अर्थात खर मास 14 जनवरी 2019 की रात्रि में समाप्त हो जाएगा। इस खर मास के दौरान लगभग सभी मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।
नर्क में जाता है खर मास में प्राण त्यागने वाला व्यक्ति
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वैदिक प्राचीन हिन्दू शास्त्रों में मान्यता है कि खर मास में यदि कोई प्राण त्याग करता है तो उसे निश्चित तौर पर नर्क में निवास मिलता है। इसका उदाहरण महाभारत में भी मिलता है जब भीष्म पितामह शर शैय्या पर लेटे होते हैं। लेकिन, खर मास के कारण वे अपने प्राण इस माह नहीं त्यागते जैसे ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं भीष्म पितामह अपने प्राण त्याग देते हैं।
खरमास में क्या नही करना चाहिए
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि इस पूरे खर मास यानि धनु संक्रांति से लेकर मकर संक्रांति तक विवाह, सगाई, गृह-प्रवेश आदि धार्मिक शुभकार्य या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिये। नई वस्तुओं, घर, कार आदि की खरीददारी भी नहीं करनी चाहिये। घर का निर्माण कार्य या फिर निर्माण संबंधी सामग्री भी इस समय नहीं खरीदनी चाहिए।
खरमास में क्या करना चाहिए
वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि खर मास को मल मास भी कहा जाता है। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर स्नान-दान आदि करने का भी महत्व माना जाता है। इस मास में पड़ने वाली एकादशी तिथि को उपवास कर भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें तुलसी के पत्तों के साथ खीर का भोग लगाया जाता है। इस मास में प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से अभिषेक करें व तुलसी की माला से 11 बार भगवान विष्णु के मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जप करें। पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है इस मास में पीपल की पूजा करना भी शुभ रहता है।

ट्रेंडिंग वीडियो