मेनका गांधी ने आगे कहा, ‘मैं हर हफ्ते विभाग से एक हाथी या दूसरे के बारे में जानकारी लेती हूं। लेकिन विभाग से कोई कुछ नहीं करता। वर्तमान में एक युवा हाथी है जिसे एक मंदिर में पीटा जा रहा है और उसके पैरों को फैलाकर चार दिशाओं में जमीन से बांध दिया गया है। मुझे शिकायत किए हुए एक महीना हो चुका है और कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वह भी जल्द ही मर जाएगा। मल्लापुरम अपनी गहन आपराधिक गतिविधि के लिए विशेष रूप से जानवरों के संबंध में जाना जाता है। एक भी शिकारी या वन्यजीव हत्यारे के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, इसलिए वे ऐसा करते रहते हैं। मैं केवल सुझाव दे सकती हूं। आप भी उनको कॉल अथवा ईमेल के माध्यम से कार्यवाई के लिए कहें।’
पशु क्ररता अधिनियम के तहत हो कार्रवाई सोशल एक्टिविस्ट नरेश पारस ने आरोपियों के खिलाफ क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि यह पशु क्रूरता की सारी हदों का पार कर देने वाली घटना है। उस बेजुबान गर्भवती हथिनी के साथ हुए अत्याचार पर अपराधियों के विरूद्ध क्रूरता अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि शुक्रवार को हुई कार्रवाई में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और तीन से पूछताछ हुई है।