scriptजानिए कब है मार्गशीर्ष अमावस्या और क्या है इसका महत्व, पितरों की शांति के लिए होती है पूजा अर्चना | margashirsha amavasya date shubh mahurat vrat time in india | Patrika News

जानिए कब है मार्गशीर्ष अमावस्या और क्या है इसका महत्व, पितरों की शांति के लिए होती है पूजा अर्चना

locationआगराPublished: Dec 03, 2018 07:34:13 pm

7 दिसंबर को है मार्गशीर्ष अमावस्या, इस माह में श्रीकृष्ण भक्ति का विशेष महत्व होता है और Pitru Puja भी की जाती है

Thursaday

Thursaday

आगरा। वैसे तो भगवान की भक्ति के लिए कोई भी दिन शुभ होता है। लेकिन, मार्गशीष का महीना भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का विशेष माह माना जाता है। इस महीने Bhagwaan sri krishna भक्ति का विशेष महत्व होता है और पितरों की पूजा भी की जाती है। इस दिन Pitru Puja द्वारा पितरों को शांति मिलती है, और पितृ दोष का निवारण भी होता है। मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि प्रत्येक धर्म कार्य के लिए अक्षय फल देने वाली बताई गई है, वैदिक प्राचीन हिन्दू शास्त्रों में लेकिन पितरों की शान्ति के लिए इस अमावस्या के व्रत एवं पूजन का विशेष महत्व है, Magh Amavashya पर जो लोग अपने पितरों को मोक्ष प्राप्ति, सदगति के लिये कुछ करना चाहते है उन्हें इस माह की अमावस्या को उपवास रखकर, पूजन कार्य करना चाहिए।
सात दिसम्बर को है मार्गशीष अमावस्या
वैदिक सूत्रम चेयरमैन भविष्यवक्ता पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि मार्गशीर्ष का सम्पूर्ण माह श्रद्धा एवं भक्ति से पूर्ण होता है।मार्गशीर्ष अमावस्या इस वर्ष 7 दिसंबर को रहेगी। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार देवों से पहले पितरों को प्रसन्न करना चाहिए। जिन व्यक्तियों की जन्मकुण्डली में Pitru Dosh हो, संतान हीन योग बन रहा हो या फिर जन्मकुंडली के नवम भाव में राहू वृश्चिक राशि में नीच के होकर स्थित हो, उन व्यक्तियों को मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि को उपवास अवश्य रखना चाहिए। इस उपवास को करने से मनोवांछित उद्देश्य़ की प्राप्ति होती है। विष्णु पुराण के अनुसार श्रद्धा भाव से अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण ही तृप्त नहीं होते, अपितु ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अश्विनी कुमार, सूर्य, अग्नि, पशु-पक्षी और समस्त भूत प्राणी भी तृप्त होकर प्रसन्न होते हैं।
ये है शुभ समय
इस बार मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि 7 दिसम्बर को दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। इस अमावस्या के दिन व्रत करते हुए, श्री सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा की जाती है और जिसका प्राचीन वैदिक हिन्दू शास्त्रों में विशेष महत्व है, जो अमोघ फलदायी होती है। इस मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि के दिन सूर्योदय काल में पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान करने तथा साम‌र्थ्य के अनुसार दान करने से सभी पाप क्षय हो जाते हैं तथा पुण्य कि प्राप्ति होती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो