मायावती ने लिखा कि यूपी में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहाँ जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है। इस जातिवादी घृणित मामले की यूपी सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिये तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फिर से पुनरावृति ना हो सके, बी.एस.पी की यह पुरजोर माँग है।
एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा, ‘मध्यप्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डाक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दुःखद। दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डाक्टरी की पढ़ाई कराई।’
यह है पूरा मामला आगरा के अछनेरा तहसील के रायभा गांव में एक दलित महिला की मौत हो गई। जब उसकी चिता को जलाया जाने वाला था तभी उच्च जाति के लोगों ने शव को चिता से नीचे उतरवा दिया। कुछ देर की बहस के बाद शव का अंतिम संस्कार दूसरी जगह करना पड़ा। मृत महिला का छह साल का बच्चा अपनी मां को मुखाग्नि दे ही रहा था कि दबंगों ने रहम खाए बिना बच्चे को चिता जलाने से रोक दिया। इस मामले के सामने आने के बाद कार्रवाई की मांग की गई है। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि उक्त प्रकरण की सीओ अछनेरा को जांच सौंपी गई है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।