मंडल में पिछले कई दिनों से बगावती सुर उठ रहे थे। बसपा में अनुशासन मायने रखता है। मायावती द्वारा किए गए निर्णय सर्वमान्य होते हैं। मंडल में कुछ लोकसभा सीट पर मायावती ने प्रभारियों को तैनात किया था। बता दें कि बसपा में एक परम्परा है कि जो प्रभारी होता है उसे ही प्रत्याशी बनाया जाता है। आगरा लोकसभा सीट पर मनोज सोनी को प्रभारी बनाया गया है तो फतेहपुरसीकरी सीट से सीमा उपाध्याय को प्रभारी बनाया गया है। मनोज सोनी के नाम का विरोध पार्टी के कुछ लोगों ने किया था। लोकसभा चुनाव 2009 में बसपा से प्रत्याशी रहे कुंवरचंद्र वकील ने पोस्टर लगाकर जब पुर्नविचार करने की मांग की तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वहीं आगे चेतावनी दी गई कि अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पिछले 45 दिनों में जिन लोगों ने पोस्टर, बैनर लेकर विरोध दर्ज कराया है उनकी सूची तैयार कर बसपा सुप्रीमो तक पहुंचाई गई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मायावती ने कई बार कहा है कि संगठन को मजबूत किया जाएगा। इसके लिए सख्त कदम भी उठाए जाएंगे। मायावती ने आगरा सुनील चित्तौड़ को दो अन्य जिलों का प्रभार भी सौंपा था। दलितों की राजधानी पर मायावती की विशेष नजर है। इसीलिए यहां की सीटों पर मायावती कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं दिख रही है।