आगरा

पैराशूट न खुलने के कारण जान गंवाने वाले जवान ने मौत से पहले कहा था कुछ ऐसा, जिसे याद कर फूट फूटकर रोई मां…

घर के इकलौते चिराग थे पैराजंपर हरदीप सिंह। मौत से पहले मां से कहा था, मैं आ रहा हूं तेरे हाथ की मिठाई खाने, मेरी पसंद की सारी मिठाइयां बनाकर रखना।

आगराNov 10, 2018 / 10:24 am

suchita mishra

hardeep singh

आगरा। मलपुरा पैराड्रोपिंग जोन में फ्री फॉल अभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने के कारण जान गंवाने वाले हरदीप अपने माता पिता की इकलौती संतान थे। जैसे ही उनकी मृत्यु की खबर उनके पिता भूपेंद्र सिंह को मिली, परिवार में कोहराम मच गया। अपनी मौत से एक दिन पहले उन्होंने मां से फोन पर बात की थी और कहा था कि मां मैं तेरे हाथ की मिठाई खाने के लिए घर आ रहा हूं। मेरी पसंद की सारी मिठाइयां बनाकर रखना। बेटे की फरमाइश पूरी करने के लिए मां दिन और रात जुटी हुई थी। लेकिन जब अगले दिन बेटे की मौत की सूचना मिली तो परिवार समेत पूरे गांव में मातम छा गया। किसी के घर चूल्हा नहीं जला। घर वालों का रो रोकर बुरा हाल है।
बता दें कि शांत स्वभाव के हरदीप पर उनके परिवार के भरण पोषण का जिम्मा था। वे परिवार के इकलौते कमाने वाले शख्स थे। उनके ताया बलविंदर सिंह आर्मी से बतौर हवलदार रिटायर हैं। हरदीप ने बुधवार को अपनी मां से फोन पर बात की थी और बताया था कि आगरा में ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लेने के बाद वे 8 या 9 नवंबर को घर के लिए रवाना हो जाएंगे। इस बार वे 15 दिनों के लिए घर जाने वाले थे, इसलिए उन्होंने मां से उनकी पसंदीदा मिठाइयां बनाने के लिए कहा था।
मालूम हो कि हरदीप सिंह 11 पैरा स्पेशल फोर्स के जवान थे। वे गुरुवार दोपहर को साथियों के साथ पैराट्रूपिंग के लिए ड्रोपिंग जोन पहुंचे थे। वे हेलीकॉप्टर में सवार हुए। एक-एक कर उनके सभी साथी पैराट्रूपर पैराशूट के साथ कूद रहे थे। जब हरदीप की बारी आयी तो उन्होंने भी हेलीकॉप्टर से छलांग लगाई लेकिन दुर्भाग्य से उनका पैराशूट थोड़ा सा खुला फिर उसकी रस्सियां आपस में लिपट गईं। इसके बाद उन्होंने अपना इमरजेंसी पैराशूट खोला, लेकिन वो भी नहीं खुला और वे ग्यारह फुट की ऊंचाई से सीधे जमीन पर गिरे और खून से लथपथ हो गए। इस बीच उनके साथी आनन फानन में उन्हें लेकर अस्पताल गए लेकिन वहां उनको मृत घोषित कर दिया गया।
 

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