खेलो पत्रिका Flash Bag NaMo9 Contest और जीतें आकर्षक इनाम, कॉन्टेस्ट मे शामिल होने के लिए http://flashbag.patrika.com पर विजिट करें। किशोरावस्था से संबंध
उदयभान सिंह ने बताया- जब राजकुमार चाहर किशोर अवस्था में थे, तभी से जुड़े हुए हैं और आज तक जुड़े हैं। पिता-पुत्र का संबंध है। यह भावनात्मक संबंध होता है। राजकुमार चाहर ने अपने जीवन के राजनीतिक क्षेत्र में लंबा संघर्ष किया। जनता ने उन्हें स्वीकारा। भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी बनाया तो विधायक के रूप में मेरा कर्तव्य था कि फतेहपुर सीकरी से अधिक से अधिक वोटों से जीते। मैं, मेरा परिवार, रिश्तेदार, संतान, प्रशंसक, समर्थक सब लगे रहे कि अपनी इजज्त रखनी है।
उदयभान सिंह ने बताया- जब राजकुमार चाहर किशोर अवस्था में थे, तभी से जुड़े हुए हैं और आज तक जुड़े हैं। पिता-पुत्र का संबंध है। यह भावनात्मक संबंध होता है। राजकुमार चाहर ने अपने जीवन के राजनीतिक क्षेत्र में लंबा संघर्ष किया। जनता ने उन्हें स्वीकारा। भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी बनाया तो विधायक के रूप में मेरा कर्तव्य था कि फतेहपुर सीकरी से अधिक से अधिक वोटों से जीते। मैं, मेरा परिवार, रिश्तेदार, संतान, प्रशंसक, समर्थक सब लगे रहे कि अपनी इजज्त रखनी है।
ऐसे काम किया
विधायक ने बताया- मेरे जीवन की लम्बी तपस्या है, संगठनात्मक योग्यता है, सारी योग्यताओं को परोस दिया। प्रातः आठ बजे निलतता था। रात्रि 10 बजे तक जनता के बीच में काम करता था। रात्रि 10 बजे से रात्रि 1-2 बजे तक रूठों को मनाने का काम किया। चारपाई पर बैठकर उनकी बात समझी और अपनी समझाई। लगातार लोगों को जोड़ा। मतभेद दूर करने में पूर्णतः सफल रहा। इसका परिणाम है कि राजकुमार चाहर सांसद बने।
विधायक ने बताया- मेरे जीवन की लम्बी तपस्या है, संगठनात्मक योग्यता है, सारी योग्यताओं को परोस दिया। प्रातः आठ बजे निलतता था। रात्रि 10 बजे तक जनता के बीच में काम करता था। रात्रि 10 बजे से रात्रि 1-2 बजे तक रूठों को मनाने का काम किया। चारपाई पर बैठकर उनकी बात समझी और अपनी समझाई। लगातार लोगों को जोड़ा। मतभेद दूर करने में पूर्णतः सफल रहा। इसका परिणाम है कि राजकुमार चाहर सांसद बने।