ये है घटना
थाना अछनेरा के गांव महुअर निवासी ओमप्रकाश मजदूर है। उसकी पांच साल की पुत्री संजू छत पर खेल रही थी, तभी छत पर बंदरों की टोली आ गई। बंदरों के इस झुंड को देख बच्ची घबरा गई। उसने खुद को बचाने का प्रयास किया, इस दौरान बंदर उस पर टूट पड़े। बंदरों ने बच्ची को धक्का दिया, जिससे वह छत से नीचे गिर गई। यह देख परिवारीजनों के होश उड़ गए। घायल बच्ची को उपचार के लिए निजी अस्पताल ले गए, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
थाना अछनेरा के गांव महुअर निवासी ओमप्रकाश मजदूर है। उसकी पांच साल की पुत्री संजू छत पर खेल रही थी, तभी छत पर बंदरों की टोली आ गई। बंदरों के इस झुंड को देख बच्ची घबरा गई। उसने खुद को बचाने का प्रयास किया, इस दौरान बंदर उस पर टूट पड़े। बंदरों ने बच्ची को धक्का दिया, जिससे वह छत से नीचे गिर गई। यह देख परिवारीजनों के होश उड़ गए। घायल बच्ची को उपचार के लिए निजी अस्पताल ले गए, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
ग्रामीणों ने खदेड़े बंद
घटना के बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। उन्होंने लाठी डंडों से बंदरो को छत से भगाया। ग्रामीणों ने बताया है कि एक महीने से गांव में बंदरों का भारी आतंक है। बंदर छत पर सूख रहे कपड़ों को ले जाते हैं। बंदरों का इतना आतंक है कि छत पर कोई खड़ा भी नहीं हो सकता है। अगर कोई छत पर खड़ा हो जाता है तो, एक दम से कई बंदर छत पर आ जाते हैं।
घटना के बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। उन्होंने लाठी डंडों से बंदरो को छत से भगाया। ग्रामीणों ने बताया है कि एक महीने से गांव में बंदरों का भारी आतंक है। बंदर छत पर सूख रहे कपड़ों को ले जाते हैं। बंदरों का इतना आतंक है कि छत पर कोई खड़ा भी नहीं हो सकता है। अगर कोई छत पर खड़ा हो जाता है तो, एक दम से कई बंदर छत पर आ जाते हैं।