सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया के साथ यूरोप के कुछ देशों में मंकीपॉक्स के केस सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि इन देशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक ताज का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं। अब इन विदेशी पर्यटकों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम खासतौर से नजर रखेगी। मंकीपॉक्स वायरस का संदिग्ध मिलते ही उसे आइसोलेट किया जाएगा। इसके बाद सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे, ताकि समय रहते उपचार मिले सके और अन्य लोग भी सुरक्षित रहें।
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सेफ सिटी नोएडा में नौकरीपेशा महिलाओं को मिलने जा रही ये खास सुविधाएं मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षण डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि मंकी पॉक्स वायरस से पीड़ित मरीज को बुखार के बाद शरीर पर चकत्ते और घाव बन जाते हैं। इस तरह के संदिग्ध मरीजों के रक्त, घाव के तरल पदार्थ और बलगम के सैंपल लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे जांच के लिए भेजे जाएंगे। मरीज के पॉजिटिव पाए जाने पर 21 दिन में संपर्क में आने वाले लोगों के सैंपल की भी जांच कराई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीम गठित कर दी है।
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आईपीओ के बाद LIC ने लॉन्च की ये धमाकेदार पॉलिसी, कम निवेश पर मिलेगा तगड़ा रिटर्न इस तरह अन्य लोगों में फैलता है संक्रमण उन्होंने बताया कि मंकीपॉक्स वायरस स्किन, आंख-नाक या फिर मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। मंकीपॉक्स में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है। बुखार के दौरान अत्यधिक खुजली वाले दाने हो सकते हैं, जो चेहरे से लेकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलते हैं। यह संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है।