scriptअगर आपको छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आता है तो एक बार जरूर पढ़ लीजिए ये कहानी! | motivational life story for controlling anger in hindi | Patrika News

अगर आपको छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आता है तो एक बार जरूर पढ़ लीजिए ये कहानी!

locationआगराPublished: Feb 19, 2019 05:50:27 pm

Submitted by:

suchita mishra

हो सकता है कि उस समय गुस्सा आपको जायज लगे लेकिन ये भी हो सकता है कि बाद में आपको अत्यधिक पश्चाताप के बावजूद भी सुकून न मिले!

एक लड़का था। वह बहुत ही गुस्सैल था, छोटी-छोटी बात पर अपना आपा खो बैठता और लोगों को भला-बुरा कह देता। उसकी इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पिता ने उसे कीलों से भरा हुआ एक थैला दिया और कहा कि, अब जब भी तुम्हे गुस्सा आये तो तुम इस थैले में से एक कील निकालना और बाड़े में ठोक देना।
पहले दिन उस लड़के ने चालीस बार गुस्सा किया और इतनी ही कीलें बाड़े में ठोंक दी। धीरे-धीरे कीलों की संख्या घटने लगी, उसे लगने लगा की कीलें ठोंकने में इतनी मेहनत करने से अच्छा है कि अपने क्रोध पर काबू किया जाए और अगले कुछ हफ्तों में उसने अपने गुस्से पर बहुत हद तक काबू करना सीख लिया। एक दिन ऐसा आया कि उस लड़के ने पूरे दिन में एक बार भी अपना आपा नहीं खोया।
जब उसने अपने पिता को ये बात बताई तो उन्होंने ने फिर उसे एक काम दे दिया, उन्होंने कहा कि, अब हर उस दिन जिस दिन तुम एक बार भी गुस्सा न करो इस बाड़े से एक कील निकाल निकाल देना।
लड़के ने ऐसा ही किया और बहुत समय बाद वो दिन भी आ गया जब लड़के ने बाड़े में लगी आखिरी कील भी निकाल दी, और अपने पिता को ख़ुशी से ये बात बतायी।
तब पिताजी उसका हाथ पकड़कर उस बाड़े के पास ले गए, और बोले, बेटे तुमने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन क्या तुम बाड़े में हुए छेदों को देख पा रहे हो। अब वो बाड़ा कभी भी वैसा नहीं बन सकता जैसा वो पहले था। जब तुम क्रोध में कुछ कहते हो तो वो शब्द भी इसी तरह सामने वाले व्यक्ति पर गहरे घाव छोड़ जाते हैं।
इसलिए अगली बार अपना आपा खोने से से पहले आप भी ये जरूर सोच लेना कि ये सामने वाले पर कितना गहरा घाव छोड़ सकता है। हो सकता है कि उस समय गुस्सा आपको जायज लगे लेकिन ये भी हो सकता है कि बाद में आपको अत्यधिक पश्चाताप के बावजूद भी सुकून न मिले!
प्रस्तुतिः हरिहर पुरी, मठ प्रशासक, श्रीमनकामेश्वर मंदिर, आगरा

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