कोल्हू पर शुद्ध सरसों तेल 150-160 रुपए किलो तक मिल रहा है। बड़े ब्रांड का तेल 130 से 140 रुपए किलो है। कुछ ब्रांड 120-125 में दे रहीं हैं। पहले ये 100-110 बेच रहे थे। एक अक्तूबर से स्थिति में तेजी से फर्क आया है। तेल मिल मालिक शांति स्वरूप गोयल ने बताया कि तेल में मिश्रण पर पाबंदी तो एक अक्तूबर से लगी है लेकिन कीमतें पहले से चढ़ रही हैं। इनकी वजह आयात में कमी का होना भी है और मांग में वृद्धि भी। शहर में इस समय लगभग 300 टन प्रतिदिन खपत हो रही है। सामान्य दिनों में यह आंकड़ा 250 टन रहता है।
खुदरा में कीमतें ज्यादा बढ़ी
थोक कारोबारी का कहना है कि सरसों का तेल थोक बाजार में करीब 120 रुपए और फुटकर में करीब 135 रुपए है। रिफाइंड अब भी इतने ही दाम पर बिक रहा है। खुदरा में कीमतें ज्यादा बढ़ी हैं। किसान भूरा ने कहा कि इस बार सरसों की पैदावार में 40 फीसदी की गिरावट है। बरसात से फसल खराब हो गई थी। अब जल्द खेतों में बुवाई का काम शुरू हो जाएगा।