आगरा नगर निगम से मैसर्स आगरा एडवरटाइजर मुरलीबाग, दयालबाग आगरा के पते पर पंजीकृत है। इस फर्म पर साल 2017-18 व 2018-19 में जीएसटी के प्रभावी होने से पूर्व का विज्ञापन कर व जीएसटी लागू होने के बाद प्रीमियम, साइटरेन्ट व विज्ञापन व्यवसाय का बकाया चार्जेज जमा नहीं किया है। इसे जमा कराने के लिए नगर निगम ने 25 जून 2018 को आरसी जारी की थी। ठेकेदार ने इस आरसी के खिलाफ उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की शरण ली थी, लेकिन वहां से भी उसे राहत नहीं मिली। नगर आयुक्त ने बकाया धनराशि की वसूली के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है।
आश्वासन मिलने पर माना ठेकेदार
नगर निगम की तीसरी मंजिल पर ठेकेदार के चढ़ते हड़कम्प मच गया। नगर निगम के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक सभी ऑफिस से बाहर निकल आये। घंटों चले इस हाईवोल्टेज ड्रामे के बीच ठेकेदार को काफी समझाने का प्रयास किया गया लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुआ। बाद में उच्चाधिकारियों के आश्वासन पर उसने अपना फैसला बदला।
ठेकेदार का आरोप
आगरा एडवरटाइजर के मालिक उदयवीर सिंह का आरोप है कि नगर निगम में भ्रष्ट अधिकारियों का बोलबाला है। एक अधिकारी पर लगाते हुए कहा कि वह उनकी वजह से आत्महत्या करने को मजबूर है। आये-दिन रिकवरी के नाम पर उत्पीड़न किया जा रहा है। ठेकेदार का आरोप है कि 18 लाख की रिकवरी को खत्म करने के एवज में अधिकारी आठ लाख रुपये की मांग करता है। आत्महत्या करने पर आमदा ठेकेदार ने मांग की है कि इस अधिकारी की जांच की जाए तो य़ादव सिंह जैसा मामला निकल कर सामने आयेगा।