scriptNarendra Modi Birthday Special ताजनगरी को आज भी है ये वादे पूरे होने का इंतजार | Narendra Modi Birthday Special waiting for promise to be fulfilled | Patrika News

Narendra Modi Birthday Special ताजनगरी को आज भी है ये वादे पूरे होने का इंतजार

locationआगराPublished: Sep 17, 2019 03:06:48 pm

2013 में प्रधानमंत्री बनने से पहले से लेकर अब तक नरेंद्र मोदी तीन बार आगरा आ चुके हैं।

Narendra Modi Birthday Special ताजनगरी को आज भी है ये वादे पूरे होने का इंतजार

Narendra Modi Birthday Special ताजनगरी को आज भी है ये वादे पूरे होने का इंतजार

आगरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi)का आज जन्मदिन है। ताजनगरी में भी प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन (Narendra Modi Birthday) की बधाई देने वालों की कमी नहीं है। सोशल मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देने वालों की कमी नहीं है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता,नेता पीएम मोदी के जन्मदिन को ‘सेवा सप्ताह’ के तौर पर मना रहे हैं। वहीं इस मौके पर पीएम मोदी की आगरा से जुड़ी यादें भी एक बार फिर ताजा हैं। 2013 में प्रधानमंत्री बनने से पहले से लेकर अब तक नरेंद्र मोदी तीन बार आगरा आ चुके हैं। 2013 में आगरा आने के दौरान पीएम मोदी ने जहां एक तरफ आगरा के लिए तमाम वादे किए वहीं 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी ने हजारों करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण किया। लेकिन तीन बड़ी मांगें ऐसी हैं जो आज तक पीएम मोदी आगरा की पूरी नहीं कर पाए।

…जब 2013 में कोठी मीना बाजार से पीएम मोदी ने किए वादे
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 नवम्बर, 2013 को आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान पर आए थे। तब नाम विजय शंखनाद रैली रहा। उन्होंने आगरा को लेकर तमाम सपने दिखाए थे। केन्द्र सरकार को खींचा था। पर्यटन की बात कही थी। उनका यह भाषण चर्चा का विषय बन गया था। उनका यह भाषण वायरल हो गया। सोशल मीडिया जमकर भाषण चला। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद 20 नवम्बर, 2016 को फिर से आगरा आए। उन्होंने परिवर्तन यात्रा रैली को संबोधित किया फिर वादे किए लेकिन ये मांगें अभी भी अधूरी हैं।

2013 में नरेंद्र मोदी ने भीड़ देख कर कहा था कि मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे उत्तर प्रदेश ने अंदरूनी स्पर्धा का कार्यक्रम तय किया है। कानपुर अपना रुतबा दिखाए तो झांसी कैसे पीछे रह जाए, तो झांसी ने दिखाया, लेकिन फिर बहराइच वाले आगे निकल गए और आज आगरा ने सबको मात दे दी है..! मोदी ने तत्कालीन यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि आगरा की भूमि अनेक ऐतिहासिक कारणों से जानी जाती है। लेकिन जब आज हम दुनिया में हिन्दुस्तान की ब्रांडिग करते हैं, भारत की भिन्न -भिन्न ताकतों का परिचय करवाते हैं तो उसमें सबसे पहले विश्व के सामने आगरा का ताजमहल प्रस्तु‍त करते हैं। दुनिया में जिन लोगों को टूरिज्मि का शौक रहता है, विश्व को जानने और समझने की इच्छा रहती है, वो लोग आगरा आना जरूर पसंद करते हैं। मित्रों, सारे विश्व में टूरिज्मी का उपयोग, सर्विस सेक्टरर इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि एक अनुमान के अनुसार निकट भविष्य में टूरिज्मन का बिजनेस थ्री ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचेगा..! पूरे विश्व में टूरिज्मस का इतना बड़ा बिजनेस होगा, लेकिन क्या वह बिजनेस आगरा को नसीब होगा..? क्या आगरा के भाग्य में कुछ आएगा..? आपको लगता है कि कुछ आएगा..? मुझे नहीं लगता है कि कुछ आएगा..! इसका कारण है कि दिल्ली में बैठी हुई सरकार की सोच में गड़बड़ है। कौन से काम को प्रा‍थमिकता देना चाहिए, इसमें वह निर्णय नहीं कर पाते हैं।

एयरपोर्ट का वादा मांग?
उन्होंने कहा कि अगरा टूरिज्मत में इतनी बड़ी संभावनाएं पड़ी हैं, आगरा का ताजमहल विश्व भर में जाना माना है, तो क्या ये लोग आगरा में एक अच्छा एयरपोर्ट नहीं बना सकते..? क्या् आगरा में ऐसा प्रबंध नहीं हो सकता है कि विश्व भर के टूरिस्ट. यहां पहुंचे..? लेकिन अगर उनका कोई मंत्री कहीं से आ जाए, तो छोटा सा गांव हो तो भी वहां एयरपोर्ट बना देते हैं, लेकिन आगरा में नहीं बनाते, जो विश्व भर के टूरिस्टों को आकर्षित करने का सामर्थ्यक रखता है और उस आगरा के प्रति अन्याय किया जाता है, उपेक्षा की जाती है। भाइयों-बहनों, आप केंद्र को बोलिए, तो वह कहते हैं कि राज्य की जिम्मेदारी है, राज्य को कहो, तो बोलते है केंद्र की जिम्मेकदारी है। राज्य वाले कहते हैं यहां करो, केंद्र वाले कहते है वहां करो, पर करता कोई भी नहीं है..!

घर-घर पहुंचा गंगाजल?
वहीं मोदी ने आगरा में पानी की समस्या पर बोवलते हुए कहा था कि भाइयों-बहनों, हम यमुना के पास हैं, लेकिन आगरा को पीने का शुद्ध पानी नहीं उपलब्धा होता है। आजादी के 60 साल बीत चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद भी आगरा जैसे नगर को, जिसके निकट यमुना जी हो, पर उसे पीने का शुद्ध पानी नहीं मिलता हो, तो उसका कारण लखनऊ में बैठे हुए शासक हैं, जिनको यह समझ नहीं है कि सामान्य मानवी की आवश्यंकताओं की पूर्ति के लिए क्याो करना चाहिए, और इसका नतीजा यह है कि आप तक शुद्ध पानी नहीं पहुंच रहा है..! मित्रों, मेरे गुजरात के हाल बहुत खस्तान थे। मेरे यहां नदियां नहीं हैं, आपके यहां तो ढ़ेर सारी नदियां हैं, मेरे पास अकेली एक नर्मदा मैय्या है। लेकिन हमने पाइप लाइन डाली, पाकिस्तामन की सीमा पर जहां हिंदुस्तालन की सेना के जवान तैनात हैं, वहां तक नर्मदा का शुद्ध पानी पहुंचाया, रेगिस्तालन में भी पानी पहुंचाया और दुनिया की सबसे लम्बीं पाइन लाइन लगाई। और उस पाइन लाइन की साइज इतनी बड़ी है कि हमारे मित्र भाई अखिलेश मारुति कार में पूरे परिवार के साथ बैठकर उस पाइन लाइन के अंदर गाड़ी चला सकते हैं..! इतने बड़े पाइप में हम नर्मदा का पानी ले जाते हैं और 9000 गांवों में पीने का शुद्ध पानी पहुंचाते हैं। क्या यहां ऐसा हो सकता है या नहीं..? उन्हेप यहां ऐसा करना चाहिए या नहीं..? आजकल कई पॉलिटिकल पंडित मुझे सवाल पूछते रहते हैं कि मोदी जी, क्या ये गुजरात का मॉडल कहीं और काम आएगा..? मित्रों, अब आप मुझे बताइए कि लोगों तक पानी पहुंचना चाहिए या नहीं..? शुद्ध पानी मिलना चाहिए या नहीं..? अरे भाइयो, हमने पाइप लाइन डाली है, आप कैनाल ही बनवा दो, कुछ तो करो..! जो लोग मॉडल की चर्चा को विवादों में डाल रहे हैं, उनसे मेरा सवाल है कि आप अपने इलाके की अनुकूलता के अनुसार जनता की भलाई के लिए ऐसी नीतियां क्योंा नहीं बनाते हैं, योजनाएं क्योंं नहीं बनाते हैं, क्योंद योजनाओं को लागू नहीं करते हो

आलू किसानों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट?
आलू किसानों से वादा करते हुए मोदी ने कहा था खि यहां के गांवों का किसान आलू की खेती करता है। लेकिन जब आलू की फसल बढ़ जाती है, वर्ष अगर अच्छा जाता है, आलू की पैदावार ज्याहदा हो जाती है तो दाम गिर जाते हैं और किसान मर जाता है, और कभी आलू की फसल कम हुई तो भी किसान मर जाता है..! क्या, समय की मांग नहीं है कि आज हम, हमारे देश में हमारा किसान जो पैदावार करता है, उसके वैल्यू एडिशन पर बल दें, मूल्यह वृद्धि पर बल दें..? अगर आप आलू बेचें तो कम पैसों में जाता है, लेकिन अगर पोटेटो चिप्स बनाकर बेचते हो, तो पैसे ज्यादा मिलते हैं..
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो