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और कितनी बार उजड़ेगा ताज नगरी का उद्योग, अब 19 को होगा विरोध प्रदर्शन

locationआगराPublished: Sep 17, 2018 09:17:11 pm

विजन डॉक्यूमेंट की आपत्तियों से अप्रदूषणकारी उद्योगों पर लटकी तलवार के विरोध में एकजुट हुए औद्योगिक व व्यवसायिक संगठन, उद्योग बचाने के लिए गठित की समिति, 19 सितम्बर को सूरसदन से शहीद स्मारक तक होगा विरोध प्रदर्शन व पदयात्रा

taj mahal

और कितनी बार उजड़ेगा ताज नगरी का उद्योग, अब 19 को होगा विरोध प्रदर्शन

आगरा। ताज नगरी के उद्योग शासन-प्रशासन की गैरजिम्मेदारी की सजा भुगत रहे हैं। ताज की सुरक्षा को लेकर प्रदूषण के मामले में हर बार उद्योगों पर तलवार लटका दी जाती है। जबकि सबसे अधिक प्रदूषण फैला रही शहर की जगह-जगह उखड़ी सड़कें, 10 मिनट का रास्ता जाम के कारण एक घंटों में तय होना, सीवेज सिस्टम का ठीक न होने जैसे कारणों पर आंख मूंद ली जाती हैं। प्रदूषण फैलाने के लिए नोटिस उद्योगों को नहीं बल्कि नगर निगम, जल संस्थान और आरटीओ को मिलना चाहिए। शहर में 1996 के बाद से कोई प्रदूषणकारी उद्योग नहीं लगा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2001 से कोयले के बजाय सभी उद्योग गैस से संचालित हैं। इसके बावजूद टीटीजेड विजन डॉक्यूमेंट आगरा के प्रथम ड्राफ्ट में उद्योगों को ही क्यों निशाना बनाया गया।
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ताज की सुरक्षा की खातिर बलि का बकरा बनता है उद्योग
हर बार ताज की सुरक्षा की खातिर बलि का बकरा बनने वाले अब सभी औद्योगिक व व्यवसायिक संगठन एकजुट हो गए हैं। डेढ़ दर्जन संगठनों ने मिलकर लड़ाई लड़ने के लिए पर्यावरण उद्योग एवं रोजगार संरक्षण समिति का गठन किया। जिसके तहत 19 सितम्बर को शाम 5 बजे से सूरसदन से शहीद स्मारक तक शांति मार्च कर विजन डॉक्यूमेंट में उद्योगों को चार कैटेगरी में विभाजित किए जाने का विरोध किया जाएगा। यह जानकारी नेशनल चैम्बर सभागार जीवनी मंडी में आयोजित बैठक में चैम्बर के अध्यक्ष राजीव तिवारी व लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष राकेश गर्ग ने दी। आगरा आयरन फाउंड्रीज एसोसिएशन के अमर मित्तल कहा कि एक बार फिर उद्योगों को उजाड़ने की बात की जा रही है। वैज्ञानिक अध्यन के बगैर उद्योगों पर थोपा गया विजन डॉक्यूमेंट के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी।
उखड़ी और खुदी सड़कें बढ़ा रहीं पीएम-10 व 2.5 का प्रदूषण
पूर्व विधायक केशो मेहरा ने कहा कि नीरी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि पीएम-10 व पीएम 2.5 का प्रदूषण उद्योगों से नहीं बल्कि माल रोड और पालीवाल पार्क की तरह महीनों खुदी पड़ी रहने वाली सड़कों के कारण बढ़ रहा है। यह कण मार्बल को नहीं बल्कि इंसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। एक बारिश में उखड़ी सड़कों पर उड़ती धूल से बढ़ रहे प्रदूषण पर आंखें बंद क्यों। पर्यावरणविद् उमेश शर्मा ने कहा कि ट्रीटमेंट के बिना यमुना में सीवर गिर रहे हैं। प्रदूषण स्तर बढ़ाने के लिए उद्योग कम सरकारी विभाग ज्यादा जिम्मेदार हैं।
सरकारी प्रोजेक्ट और विजन डॉक्यूमेंट में है विरोधाभास
एक तरफ तो राज्य सरकार ने अपने एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम के तहत आगरा में जूता उद्योग को चुना है। जबकि दूसरी ओर जूते पर सोल लगने के उद्योग को ग्रीन कैटेगरी में डाल दिया। यानि जूते में सोल लगाने के लिए 10 हजार 400 वर्ग किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा? जूता उद्योग प्रभावित हुआ तो लगभग 8 हजार लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इसी तरह ऑटोमोबाइल सर्विस सेक्टर से 30 हजार परिवारों का चूल्हा जलता है।
पर्यावरण, उद्योग एवं रोजगार संरक्षण समिति की सहयोगी संस्थाओं में इनकी रही उपस्थित

1-लघु उद्योग भारतीः भुवेश अग्रवाल, राजीव बंसल, विजय गुप्ता।

2-यूपी डीजल इंजन मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशनः मनीष दौनेरिया।

3-लघु उद्योग भारती मथुराः कृष्ण दयाल अग्रवाल।
4-इंजीनियरिंग कॉम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशनः अमित जैन।

5-फैक्ट्री ऑनर एसोसिएशन नुनिहाईः किसोर मित्तल।

6-आगरा ऑटोमोबाइल्स डीलर एसोसिएशनः पारस अग्रवाल, अनिल अग्रवाल।

7-एक्सपोर्ट प्रमोशन इंडस्ट्रियल पार्कः रजत अस्थाना, दीपक अग्रवाल।

8- आगरा मार्बल एसोसिएशनः सतीश अग्रवाल।
9-आगरा ट्यूरिस्ट वेलफेयर चैम्बरः प्रह्लाद अग्रवाल।

10-संजय प्लेस कम्प्यूटर एसोसिएशनः मुकेश अग्रवाल।

11-नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्सः विनय मित्तल, मुरारी लाल गोयल, सुनील सिंघल।

12-आगरा आयरल फाउंड्रीज एसोसिएशनः अमर मित्तल।
13-आगरा कोल्ड स्टोरेज ऑनर्स एसोः राजेश गोयल।

14-आगरा फुटवेयरमेन्युफेक्चर्स एंड एक्सपोर्टरस चैम्बरः केएस राना,

15-रेडिकोः केसी जैन।

16-सिकन्दरा फैक्ट्री ऑनर्स एसोः मुकेश अग्रवाल।

17-फाउंड्री नगर उद्योग संघः अतुल गुप्ता।

18-होटल एंड रेस्टोरेन्ट ऑनर्स एसोः रमेश बाधवाजी, अवनीश शिरोमणी।
19-एसो चेमः विष्णु भगवान अग्रवाल

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