कलश स्थापना का यहां देखें शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि 10 अक्टूबर को सुबह 7:25 बजे तक नवरात्रि का कलश स्थापित कर सकते हैं। यदि किसी कारणवश इस समय में कलश स्थापित नहीं कर पाते हैं तो आप 10 अक्टूबर को ही सुबह 11:36 बजे से लेकर दोपहर 12:24 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में भी कलश की स्थापना कर सकते हैं। डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखें।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि 10 अक्टूबर को सुबह 7:25 बजे तक नवरात्रि का कलश स्थापित कर सकते हैं। यदि किसी कारणवश इस समय में कलश स्थापित नहीं कर पाते हैं तो आप 10 अक्टूबर को ही सुबह 11:36 बजे से लेकर दोपहर 12:24 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में भी कलश की स्थापना कर सकते हैं। डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखें।
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इस तरह करें मां की पूजा
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि सबसे पहले कलश स्थापना होती है। इसके लिए शुभ मुहूर्त देख लें। उससे पहले आप जिस जगह कलश स्थापित कर रहे हैं, उस जगह को शुद्ध कर लें। कहने का आशय है उस स्थान को अच्छी तरह साफ करने के बाद गंगाजल का छिड़काव कर लें। यदि आप चाहें तो कलश स्थापना से पहले उस जगह को गाय के गोबर से लीप भी सकते हैं। अब इस जगह पर लकड़ी की एक चौकी रखकर इस पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। इसके बाद मिट्टी के एक सकोरे में जौ बोकर इसके ऊपर जल से भरा हुआ कलश रख दें। कलश के किनारे चारों तरह अशोक के पेड़ के पत्ते लगाकर इसे एक मिट्टी के दिये से ढंक दें और इसके ऊपर एक दीप प्रज्जवलित कर दें। ये दीपक नौ दिन तक जलता रहना चाहिये।
इस तरह करें मां की पूजा
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि सबसे पहले कलश स्थापना होती है। इसके लिए शुभ मुहूर्त देख लें। उससे पहले आप जिस जगह कलश स्थापित कर रहे हैं, उस जगह को शुद्ध कर लें। कहने का आशय है उस स्थान को अच्छी तरह साफ करने के बाद गंगाजल का छिड़काव कर लें। यदि आप चाहें तो कलश स्थापना से पहले उस जगह को गाय के गोबर से लीप भी सकते हैं। अब इस जगह पर लकड़ी की एक चौकी रखकर इस पर लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। इसके बाद मिट्टी के एक सकोरे में जौ बोकर इसके ऊपर जल से भरा हुआ कलश रख दें। कलश के किनारे चारों तरह अशोक के पेड़ के पत्ते लगाकर इसे एक मिट्टी के दिये से ढंक दें और इसके ऊपर एक दीप प्रज्जवलित कर दें। ये दीपक नौ दिन तक जलता रहना चाहिये।