बनाई गई रिपोर्ट
हरीपर्वत से सेंट जोंस कॉलेज की तरफ रेलवे पुल के साथ शहर के 16 प्रमुख चौराहों को पुलिस ने पहले चरण में शामिल किया है। करीब एक माह तक इन चौराहों पर जाम आदि लगने के कारणों का विस्तृत अध्ययन किया। इन समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया गया। इनमें चौराहों को अतिक्रमण मुक्त कराने, उनके 50 मीटर के दायरे में नो पार्किंग जोन के अलावा ट्रैफिक पुलिस के साथ ही स्पेशल फोर्स तैनात करने का खाका तैयार किया।
हरीपर्वत से सेंट जोंस कॉलेज की तरफ रेलवे पुल के साथ शहर के 16 प्रमुख चौराहों को पुलिस ने पहले चरण में शामिल किया है। करीब एक माह तक इन चौराहों पर जाम आदि लगने के कारणों का विस्तृत अध्ययन किया। इन समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार किया गया। इनमें चौराहों को अतिक्रमण मुक्त कराने, उनके 50 मीटर के दायरे में नो पार्किंग जोन के अलावा ट्रैफिक पुलिस के साथ ही स्पेशल फोर्स तैनात करने का खाका तैयार किया।
इस तरह दूर होगी समस्या
पुलिस टीम द्वारा तैयार किए गए इस ब्लू प्रिंट में समस्या का कारण और उसके निस्तारण के उपाय भी सुझाये गए हैं। वहीं ट्रैफिक सुधार के लिए प्रत्येक चौराहे का प्रभारी एक उप निरीक्षक को बनाया गया है। इसके अलावा व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए क्षेत्रीय लोगों की टीम भी बनाई गई है। इन चौराहों पर किन लोगों की ड्यूटी रहेगी, वह कितने समय तक तैनात रहेंगे, ब्लू प्रिंट में यह सब शामिल है।
ये चौराहे किए गए चिन्हित बता दें कि हरीपर्वत, पुरानी मंडी, बोदला, सिकंदरा तिराहा, बिजलीघर, भगवान टॉकीज एवं लोहामंडी चौराहा और इसके अलावा रामबाग, देहली गेट, भोगीपुरा तिराहा, हाथीघाट एवं मदिया कटरा तिराहा, वाटर वर्क्स चौराहा, मधु नगर चौराहा, रूई की मंडी चौराहा ऐसे हैं, जहां भीषण जाम की स्थिति रहती है।