यह भी पढ़ें- बिजनौर में थाने के सामने शव रखकर लगाया जाम, पुलिस की थर्ड डिग्री से युवक की मौत का आरोप उल्लेखनीय है कि कुख्यात बदन सिंह ने गैंग के साथ मिलकर 13 जुलाई को डॉ. उमाकांत गुप्ता का अपहरण करके पांच करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने मामले में तेजी दिखाते हुए 14 जुलाई की रात को ही डॉक्टर को अपहरणकर्ताओं से मुक्त करा लिया था, जिसके बाद एडीजी राजीव कृष्ण ने कुख्यात बदन सिंह पर एक लाख का इनाम घोषित किया था। वहीं, 21 जुलाई की रात जगनेर क्षेत्र में एनकाउंटर के दौरान बदन सिंह और उसका साथी अक्षय मारा गया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था। अक्षय के परिजन तो गुरुवार को ही पोस्टमार्टम हाउस से शव ले गए थे, लेकिन बदन सिंह के परिजनों ने उसके शव से भी किनारा कर लिया है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने शिनाख्त करते ही धौलपुर के कंचन पुर थाने में बदन सिंह के मरने की सूचना दी थी। धौलपुर पुलिस उसके घर पहुंची तो जानकारी मिली कि बदन सिंह का पूरा परिवार 20 साल पहले ही वहां से कहीं और चला गया था। अब उसका परिवार कहां रहता है, ये जानकारी किसी को नहीं है। बदन सिंह के एक रिश्तेदार के बारे में पुलिस को पता है, लेकिन एत्माद्दौला क्षेत्र से हुए अपहरण केस में वह वांछित है। इसलिए वह भी सामने नहीं आ रहा है। एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि अभी तक बदन सिंह के रिश्तेदारों की जानकारी नहीं मिली है। धौलपुर में पंफलेट लगवाकर लोगों से उसके रिश्तेदारों की जानकारी देने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि अगर 72 घंटे के भीतर कोई रिश्तेदार या परिजन नहीं पहुंचता है तो पुलिस बदन सिंह के शव का अंतिम संस्कार करा देगी।