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प्रधानमंत्री के ‘मन की बात‘ को ठेंगे पर रखते हैं यहां के अधिकारी, पढ़िए अफसरशाही की पोल खोलने वाली रिपोर्ट, देखें वीडियो

locationआगराPublished: Jul 03, 2019 01:22:17 pm

Submitted by:

suchita mishra

-जगनेर विकास खंड में बांध की दीवार नहीं बना रहे अधिकारी-2012 से सिर्फ चिट्ठियां लिखी जा रही हैं, काम नहीं हो रहा-इस बार भी नहीं होगा वर्षाजल का संरक्षण, यूं ही बह जाएगा

mann ki baat

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आगरा। लोकसभा चुनाव 2019 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 जून को ‘मन की बात’ में जल संरक्षण का आह्वान किया। जल संरक्षण वक्त की जरूरत भी है। खासतौर से ऐसे इलाकों में जहां पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। प्रधानमंत्री के इस आह्वान और अभियान को सिंचाई विभाग पलीता लगाने में लगा हुआ है। सात साल में भी एक चेक डैम की दीवार नहीं बनाई गई है। इस कारण वर्षाजल यूं ही बह जाता है।
जगनेर के ग्राम भारा का मामला
हम बात कर रहे हैं जगनेर विकास खंड के गांव भारा की। इस गांव में एक ऐसा स्थल है जो तीन ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां प्राकृतिक रूप से बांध बना हुआ है। एक ओर से खुला हुआ है। अगर यहां एक ओर करीब 500 मीटर लम्बी दीवार बना दी जाए तो बांध बन जाएगा। फिर वर्षाजल का संचय होगा। जलस्तर बढ़ेगा। सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। गर्मी में पानी के लिए हाहाकार नहीं मचेगी। तीन से चार किलोमीटर के क्षेत्र में पानी भरा रह सकता है।
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2012 से कर रहे प्रयास
ग्राम भारा निवासी राजकिशोर सिंह परमार वर्ष 2012 से बांध को बनवाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर कई बार लिखा है। जिलाधिकारी आगरा को लिखकर दिया है। जांच हुई है। सिंचाई विभाग स्वीकार करता है कि 20 साल से यहां चेक डैम बना हुआ है। यह एक ओर से क्षतिग्रस्त है। अधिशासी अभियंता लोअर खंड आगरा कैनाल ने 19 अप्रैल, 2018 को जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा है कि यह काम लघु सिंचाई विभाग करता है। इसलिए मरम्मत का काम भी लघु सिंचाई विभाग द्वारा किया जाएगा। 28 अगस्त, 2017 को भी इसी तरह का पत्र जिलाधिकारी को भेजा गया था। इसके बाद कुछ हुआ नहीं। प्रस्ताव फाइल में ही दबकर रह गया।
एकदूसरे पर टाल रहे
बांध की दीवार बनाने के अभियान में लगे राज किशोर सिंह परमार ने पत्रिका को बताया कि मैं तो सरकारी विभागों को लिखकर थक चुका हूं। सब एकदूसरे पर टालते रहते हैं। काम कोई नहीं करता है। जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि जल संरक्षण हो, तब भी ये अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने मिट्टी का कार्य कराया था, लेकिन उसका अधिक लाभ नहीं होता है। पक्की दीवार बनेगी तो स्थाई काम होगा।
Papers
केवल पत्र लिख रहे
श्री परमार ने आरोप लगाया कि अधिकारी मौज की मार रहे हैं। एक सामान्य सा काम भी नहीं कर रहे हैं। यह ऐसा काम है, जिससे भारा गांव ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों को भी लाभ होगा। सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई विभाग, लोअर खंड कैनाल के बीच बांध की दीवार बनवाने का पत्र घूम रहा है। सब खानापूरी कर रहे हैं। लगता है इस साल भी अमृत समान वर्षा जल यूं ही बह जाएगा। राजकिशोर सिंह परमार इस समय शास्त्रीपुरम,सिकंदरा में निवासरत हैं, लेकिन बांध की दीवार बनवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
अदम गोंडवी ने सही कहा है
लोकसभा में आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने अदम गोंडवी का एक शेर पढ़ा था- जो उलझकर रह गई है फाइलों के जाल में, गांव तक वह रोशनी आएगी कितने साल में। अदम गोंडवी का यह शेर ग्राम भारा के बांध पर पूरी तरह सार्थक हो रहा है।
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