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बवाल के बाद सवर्ण और ओबीसी की महापंचायत, लिया ये निर्णय

locationआगराPublished: Apr 03, 2018 06:02:44 pm

भारत बंद के दौरान हुई तोड़फोड़, आगजनी और लूटपाट पर जताई आपत्ति

bharat band
आगरा। भारत बंद के दौरान मंगलवार को सवर्ण एवं ओबीसी समाज की महापंचायत हुई। जिसमें भारत बंद के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़, लूटपाट, आगजनी और अराजकता पर नाराजगी व्यक्त की गई। इस महापंचायत को पुलिस प्रशासन ने पहले अनुमति नहीं दी। लोहामंडी के अग्रसेन भवन में होने वाली महापंचायत को प्रशासन ने वहां होने नहीं दिया। बाद में सवर्ण और ओबीसी समाज ने स्मृति भवन में बैठक की। इस बैठक में मांग की गई कि आगरा में हुए उत्पात के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई की छूट दी जाए। निर्दोष लोगों पर कार्रवाई ना हो और दोषियों को बख्शा नहीं जाए।
प्रशासन को 144 धारा की सुध नहीं आई
वरिष्ठ अधिवक्ता कुंवर शैलराज सिंह ने कहा कि शहर में बवाल के बाद जब मंगलवार को सवर्ण समाज ने महापंचायत का ऐलान किया, तो प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देकर उनकी महापंचायत को टालने के लिए कहा। सवर्ण, ओबोसी स्वाभिमान मोर्चा आगरा के डॉ. रामेश्वर चौधरी एडवोकेट ने कहा कि 144 धारा की दुहाई प्रशासन इस मोर्चा की बैठक ना होने के लिए दे रहा है और सड़कों पर कल हुए आंदोलन में धारा 144 का कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने शहर में शांति व्यवस्था को खराब किया है उनपर कार्रवाई की जाए। शहर की फिजां खराब करने वालों को कतई नहीं बख्शा जाए। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता कुंवर शैलराज सिंह ने कहा कि कलेक्ट्रेट पर उपद्रवियों ने कब्जा कर लिया। तब प्रशासन को 144 धारा की सुध नहीं आई।
जांच कराकर विधिक कार्रवाई की जाए
मोर्चा की मीटिंग में आए लोगों ने कहा कि जनपद में एससी एसटी के संगठनों, व्यक्तियों ने भातर बंद का आह्वान किया और पूरे महानगर में अराजकता पैदा कर दी। कानून को अपने हाथ में लेकर कलेक्ट्रेट पर राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित कर उसे हटाकर अपने संगठन का झंडा कलेक्ट्रेट आगरा पर स्थापित कर दिया गया। ऐसे कई अपराध किए गए, जिनसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची। भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष विजय शिवहरे के होटल पर तोड़फोड़ की गई। स्कूल जाने वाले बच्चों के वाहनों पर हमले कर उन्हें झतिग्रस्त किया गया। संविधान के विरुद्ध कार्रवाई कर कानून का उल्लंघन किा गया। इसलिए ऐसे अराजकतत्वों को गिरफ्तार कर उनपर कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मीटिंग में विनय अग्रवाल, रोहित चौधरी, निशा दुबे, शिव दुबे, राजकुमार पथिक, रामदेव, मोहन सिंह चाहर, हेमंत, आरके सिंह राघव, सोनू पंडित, आरके गौर, रामेश्वर सिंह सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।
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