मेले में दूर दराज से आते हैं श्रद्धालु
बटेश्वर में लगने वाले सुप्रसिद्ध मेले में दूरदराज से लोग खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं। वहीं इस मेले में अश्लील डांस पार्टियां लगी हुई हैं। जहां डांस पार्टियों के पंडालों में बार बालाएं अश्लील डांस करती नाचती हुई और अपने हुस्न के ठुमके लगाती हुई दिखाई दे सकती हैं। प्राचीनतम समय से यह मेला प्रसिद्ध है। यह मेला संस्कृति को देखते हुए यहां भक्ति की धारा बहती है तो वहीं दूसरी ओर साधु संतों का जमावड़ा रहता है। कई जगह बाबाओं के भंडारे और संतों के अखाड़े देखे जा सकते हैं। इसी क्रम में कई जगह बार बालाओं के गानों पर अश्लील नाचते हुए ठुमके लगते हुए देखे गए। जिस पर मौजूद साधु संतों ने इसका विरोध किया। वहीं उन पर कोई पाबंदी नहीं है बार बालाएं खुलेआम अपने ठुमके दिखाती हुई नजर आ रही हैं।
बटेश्वर में लगने वाले सुप्रसिद्ध मेले में दूरदराज से लोग खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं। वहीं इस मेले में अश्लील डांस पार्टियां लगी हुई हैं। जहां डांस पार्टियों के पंडालों में बार बालाएं अश्लील डांस करती नाचती हुई और अपने हुस्न के ठुमके लगाती हुई दिखाई दे सकती हैं। प्राचीनतम समय से यह मेला प्रसिद्ध है। यह मेला संस्कृति को देखते हुए यहां भक्ति की धारा बहती है तो वहीं दूसरी ओर साधु संतों का जमावड़ा रहता है। कई जगह बाबाओं के भंडारे और संतों के अखाड़े देखे जा सकते हैं। इसी क्रम में कई जगह बार बालाओं के गानों पर अश्लील नाचते हुए ठुमके लगते हुए देखे गए। जिस पर मौजूद साधु संतों ने इसका विरोध किया। वहीं उन पर कोई पाबंदी नहीं है बार बालाएं खुलेआम अपने ठुमके दिखाती हुई नजर आ रही हैं।
प्रशासन की अनदेखी
बटेश्वर मेले को ऐतिहासिक बनाने की यूं तो कई सालों से कोशिश की जा रही है। लेकिन, प्रशासन की अनदेखी यहां भारी पड़ रही है। प्रशासन द्वारा इस मेले में कोई अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया, जिसकी वजह से अश्लील डांस और ऐसे लोगों की भरमार है। बार बालाओं के डांस पार्टियों पर संतों ने विरोध कर उस पर आपत्ति जताई है। हिंदू समाज से जुड़े लोगों और मुख्य पुजारी बटेश्वर मंदिर जय प्रकाश गोस्वामी का कहना है कि मेला संस्कृति हैं इसकी कुछ मर्यादाएं हैं, यहां अश्लील डांस नहीं होना चाहिए।
बटेश्वर मेले को ऐतिहासिक बनाने की यूं तो कई सालों से कोशिश की जा रही है। लेकिन, प्रशासन की अनदेखी यहां भारी पड़ रही है। प्रशासन द्वारा इस मेले में कोई अधिकारी नियुक्त नहीं किया गया, जिसकी वजह से अश्लील डांस और ऐसे लोगों की भरमार है। बार बालाओं के डांस पार्टियों पर संतों ने विरोध कर उस पर आपत्ति जताई है। हिंदू समाज से जुड़े लोगों और मुख्य पुजारी बटेश्वर मंदिर जय प्रकाश गोस्वामी का कहना है कि मेला संस्कृति हैं इसकी कुछ मर्यादाएं हैं, यहां अश्लील डांस नहीं होना चाहिए।