ज्यादा मामले त्वचा कैंसर के 800 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट कर चुके डॉ. गौतम ने बताया कि जिंदगी बचाने के लिए कई परिस्थितियों में गए प्रत्यारोपण ही विकल्प बचता है। देखा गया है कि लगातार दस वर्ष तक प्रतिरोधकता कम रखने की दवाओं से 5 फीसदी मरीजों में कैंसर की सम्भावना बढ़ जाती है। स्किन कैंसर व लिफ्फोमा के मामले ज्यादा देखे गए हैं, जिन्हें प्राथमिक अवस्था में पता कर ठीक किया जा सकता है।
आसान हुई सर्जरी कांफ्रेंस आयोजन समिति के सचिव डॉ. सुरेन्द्र पाठक ने बताया कि अब बेहतर एनर्जी सोर्स (सर्जरी के दौरान होने वाली ब्लीडिंग को रोकने के लिए) आने से सर्जरी आसान हो गई है। बाएपोलर, मोनोपोलर, डायोथर्मो मशीन, लेजर, उल्ट्रासोनिक मशीन, प्लाज्मा मशीन से ऑपरेशन के दौरान बड़ी से बड़ी धमनी के कटने पर भी रक्त के बहाव को आसानी से रोका जा सकता है। जिससे मरीज में ऑपरेशन के बाद रक्त की कमी की सम्भावना न के बराबर होती है।