65 यात्रियों की जान खतरे में थी
ट्रेवल पॉइंट कंपनी की डबल डेकर बस दिल्ली से पटना की ओर रवाना हुई थी। इसमें 65 यात्री सवार थे। यमुना एक्सप्रेस वे होती हुई बस आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आई। बस अत्यधिक गति के साथ चल रही थी। चलते-चलते बस लहराने लगी। यात्रियों को शक हुआ। उन्होंने कंडक्टर को टोका तो वह नशे में निकला। इस पर कुछ यात्री ड्राइवर के पास गए। वह भी नशे में था। कुछ भी सुन नहीं रहा था। यह देख यात्री चीखने लगी। बचाओ-बचाओ का शोर मचाने लगे।
ट्रेवल पॉइंट कंपनी की डबल डेकर बस दिल्ली से पटना की ओर रवाना हुई थी। इसमें 65 यात्री सवार थे। यमुना एक्सप्रेस वे होती हुई बस आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आई। बस अत्यधिक गति के साथ चल रही थी। चलते-चलते बस लहराने लगी। यात्रियों को शक हुआ। उन्होंने कंडक्टर को टोका तो वह नशे में निकला। इस पर कुछ यात्री ड्राइवर के पास गए। वह भी नशे में था। कुछ भी सुन नहीं रहा था। यह देख यात्री चीखने लगी। बचाओ-बचाओ का शोर मचाने लगे।
बस चलाने की स्थिति में नहीं था ड्राइवर
इसी दौरान टोल प्लाजा पर आगरा ट्रैफिक पुलिस के इंस्पेक्टर विजय कुमार ब्रेथ एनालाइजर मशीन और इंटरसेप्टर गाड़ी से चेकिंग कर रहे थे। उन्होंने शोर सुना तो समझ गए कि कुछ गड़बड़ है। बस को जैसे-तैसे रुकवाया गया। टोल प्लाजा पर बस को रुकना ही था। यात्रियों ने पूरी दास्तां सुनाई। ट्रैफिक पुलिस ने चालक और परिचालक को ब्रेथ एनालाइजर परीक्षण किया। ड्राइवर की शराब की तादाद 188 और कंडक्टर की तादाद 135 थी। यातायात पुलिस का कहना है कि चालक औj परिचालक बस चलाने की स्थिति में नहीं थे, फिर भी चलाए जा रहे थे। अगर कुछ देर और हो जाती तो भीषण हादसा हो सकता था।
इसी दौरान टोल प्लाजा पर आगरा ट्रैफिक पुलिस के इंस्पेक्टर विजय कुमार ब्रेथ एनालाइजर मशीन और इंटरसेप्टर गाड़ी से चेकिंग कर रहे थे। उन्होंने शोर सुना तो समझ गए कि कुछ गड़बड़ है। बस को जैसे-तैसे रुकवाया गया। टोल प्लाजा पर बस को रुकना ही था। यात्रियों ने पूरी दास्तां सुनाई। ट्रैफिक पुलिस ने चालक और परिचालक को ब्रेथ एनालाइजर परीक्षण किया। ड्राइवर की शराब की तादाद 188 और कंडक्टर की तादाद 135 थी। यातायात पुलिस का कहना है कि चालक औj परिचालक बस चलाने की स्थिति में नहीं थे, फिर भी चलाए जा रहे थे। अगर कुछ देर और हो जाती तो भीषण हादसा हो सकता था।
दूसरी बस का इंतजाम कराया
पुलिस ने ट्रेवल कम्पनी को फोन किया। वहां से दूसरी बस की व्यवस्था की गई। चालक और परिचलाक दूसरे आए। यात्रियों को पटना की ओर रवाना किया गया। अंधाधुंध बस चलाने वाले चालक और परिचालक का चालान किया गया। बता दें कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर गति सीमा 100 किलोमीटर है। इसके बाद भी चालक हैं कि मानते नहीं हैं।
पुलिस ने ट्रेवल कम्पनी को फोन किया। वहां से दूसरी बस की व्यवस्था की गई। चालक और परिचलाक दूसरे आए। यात्रियों को पटना की ओर रवाना किया गया। अंधाधुंध बस चलाने वाले चालक और परिचालक का चालान किया गया। बता दें कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर गति सीमा 100 किलोमीटर है। इसके बाद भी चालक हैं कि मानते नहीं हैं।