1971 में हरे कपड़े से ढका गया था ताज
आजादी के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान साल 1971 में ताज महल पर खतरा मंडराने लगा था। उस वक्त ताज महल को हरे कपड़े से ढका गया था ताकि पाकिस्तानी विमानों को ताज महल की जगह हरियाली नजर आए। यह खतरा इसलिए भी था कि पाकिस्तानी विमानों ने ताज महल से करीब 10 किमी. दूर एयरफोर्स स्टेशन पर बम गिराए थे।
आजादी के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान साल 1971 में ताज महल पर खतरा मंडराने लगा था। उस वक्त ताज महल को हरे कपड़े से ढका गया था ताकि पाकिस्तानी विमानों को ताज महल की जगह हरियाली नजर आए। यह खतरा इसलिए भी था कि पाकिस्तानी विमानों ने ताज महल से करीब 10 किमी. दूर एयरफोर्स स्टेशन पर बम गिराए थे।
इसलिए पाक की नजर आगरा पर
पाकिस्तान की नजर आगरा पर होने का मुख्य कारण माना जाता है यहां एयरफोर्स स्टेशन का होना। इसके साथ ही ताजमहल भी एक बड़ा कारण है। आगरा पर्यटन नगरी है, जिसके चलते यहां बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक आते हैं। ऐसे में यहां रैकी की जा सकती है। पूर्व में ऐसा हो भी चुका है।
अलर्ट हुईं ये एजेंसियां
आईबी, एलआईयू, इंटेलिजेंस, आर्मी इंटेलिजेंस सभी विंग हरकत में आ गई हैं। एटीएस को भी अलर्ट किया गया है। संदिग्धों पर पैनी नजर रखने के लिए कहा गया है। साथ ही पर्यटक स्थलों पर भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस से मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में नजर रखने के लिए कहा गया है। साफ निर्देश दिए गए हैं, कि लोगों के बीच घूमें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत हिरासत में लें। उससे पूछताछ के लिए खूफिया एजेंसी को बुलाया जाए।
आईबी, एलआईयू, इंटेलिजेंस, आर्मी इंटेलिजेंस सभी विंग हरकत में आ गई हैं। एटीएस को भी अलर्ट किया गया है। संदिग्धों पर पैनी नजर रखने के लिए कहा गया है। साथ ही पर्यटक स्थलों पर भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस से मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में नजर रखने के लिए कहा गया है। साफ निर्देश दिए गए हैं, कि लोगों के बीच घूमें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत हिरासत में लें। उससे पूछताछ के लिए खूफिया एजेंसी को बुलाया जाए।