भोपाल से नई दिल्ली जाते समय खाने में सिर्फ ब्रेकफास्ट ही मिलेगा। नई दिल्ली से वापसी में हाई-टी और डिनर यात्रियों को दिया जाएगा। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मेन्यू को रीजन के अनुसार डिशेज को जोड़ा गया है। इसमें मेथी, अजवाइन के पराठे से लेकर कचौड़ी तक शामिल है।
मेन्यू में होगा वेज और नॉनवेज खाना
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मेन्यू को फाइनल कर दिया गया है। मेन्यू को ईसी यानी एग्जीक्यूटिव क्लास और सीसी यानी चेयरकार क्लास के अनुसार बनाया गया है। इसमें वेज और नॉनवेज दोनों ही तरह के खाने रहेंगे। इसमें 6 दिन यानी रविवार से शुक्रवार तक लंच, डिनर और हाई-टी के लिए अलग- अलग खान-पान की वस्तुओं को शामिल किया गया है। वंदे भारत ट्रेन में खाने पीने की वस्तुओं में कई- तरह की सीजनल वेज भी शामिल हैं।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि मेन्यू को फाइनल कर दिया गया है। मेन्यू को ईसी यानी एग्जीक्यूटिव क्लास और सीसी यानी चेयरकार क्लास के अनुसार बनाया गया है। इसमें वेज और नॉनवेज दोनों ही तरह के खाने रहेंगे। इसमें 6 दिन यानी रविवार से शुक्रवार तक लंच, डिनर और हाई-टी के लिए अलग- अलग खान-पान की वस्तुओं को शामिल किया गया है। वंदे भारत ट्रेन में खाने पीने की वस्तुओं में कई- तरह की सीजनल वेज भी शामिल हैं।
हर कोच में अलग-अलग होंगी पेंट्री
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन के हर कोच में अलग अलग पेंट्री की व्यवस्था की गई है। इसमें रेलवे स्टॉफ के लिए कई तरह के किचन उपकरणों के अलावा माइक्रोवव और अन्य सुविधाएं दी गईं हैं। जिससे की हर कोच में यात्रियों को समय पर खाने पीने की वस्तुएं मिल सकें।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि वंदे भारत ट्रेन के हर कोच में अलग अलग पेंट्री की व्यवस्था की गई है। इसमें रेलवे स्टॉफ के लिए कई तरह के किचन उपकरणों के अलावा माइक्रोवव और अन्य सुविधाएं दी गईं हैं। जिससे की हर कोच में यात्रियों को समय पर खाने पीने की वस्तुएं मिल सकें।
कौन है ट्रेन के पहले यात्री
RKMP से वंदे भारत एक्सप्रेस में 150 स्कूली बच्चे और रेलवे के 80 पेंशनर भी बीना तक का सफर करेंगे। रेल समाज कल्याण के साथ डीईओ की ओर से भेजी जाने वाली बच्चों की लिस्ट में सरकारी स्कूलों के बच्चे इस यात्रा पर जाएंगे। वहीं, रेलवे के पेंशनरों को भी बुजुर्गों के रूप में शामिल किया जा रहा है।
RKMP से वंदे भारत एक्सप्रेस में 150 स्कूली बच्चे और रेलवे के 80 पेंशनर भी बीना तक का सफर करेंगे। रेल समाज कल्याण के साथ डीईओ की ओर से भेजी जाने वाली बच्चों की लिस्ट में सरकारी स्कूलों के बच्चे इस यात्रा पर जाएंगे। वहीं, रेलवे के पेंशनरों को भी बुजुर्गों के रूप में शामिल किया जा रहा है।
स्पीड और रनिंग टाइम कंट्रोल करेगी वंदे भारत एक्सप्रेस
ट्रेन को ऐसे डिजाइन किया गया है कि स्पीड और रनिंग टाइम कंट्रोल किया जा सके। दरअसल, इसके फ्रंट को एयरो डायनामिक शेप दिया गया है ताकि तेज गति पर चलने से इप पर हवा का दबाव ना पड़े। इससे ट्रेन के रनिंग टाइम में 10 से 15 सेकंड की बचत होती है। इस ट्रेन में कवच तकनीक यानी ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम का यूज किया गया है ताकि 2 ट्रेनों के बीच भिड़ंत ना हो सके। इसमे एक लोको इंजन दूसरे लोको इंजन के सामने आने की स्थिति में 380 मीटर की दूरी पर ही रुक जाता है। सामने फाटक आने पर ये कवच ड्राइवर के बिना खुद ही सीटी बजाना शुरू कर देता है।
ट्रेन को ऐसे डिजाइन किया गया है कि स्पीड और रनिंग टाइम कंट्रोल किया जा सके। दरअसल, इसके फ्रंट को एयरो डायनामिक शेप दिया गया है ताकि तेज गति पर चलने से इप पर हवा का दबाव ना पड़े। इससे ट्रेन के रनिंग टाइम में 10 से 15 सेकंड की बचत होती है। इस ट्रेन में कवच तकनीक यानी ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम का यूज किया गया है ताकि 2 ट्रेनों के बीच भिड़ंत ना हो सके। इसमे एक लोको इंजन दूसरे लोको इंजन के सामने आने की स्थिति में 380 मीटर की दूरी पर ही रुक जाता है। सामने फाटक आने पर ये कवच ड्राइवर के बिना खुद ही सीटी बजाना शुरू कर देता है।