बंगाली विधि विधान के साथ हुआ प्रथम दिन पूजन, महिलाओं के लिए धुनूची नृत्य प्रतियोगिता के साथ आयोजित किए सांस्कृतिक कार्यक्रम
राक्षस का वध करते माता दुर्गा अपने वाहनों से साथ प्रथम पूज्य गणेश जी, माता सरस्वती, माता लक्ष्मी, भगवान कार्तिकेय के साथ बल्केश्वर के दुर्गा पार्क में विराजमान हुईं।
संध्या आरती के बाद प्रारम्भ हुई महिलाओं के बीच धुनूची नृत्य प्रतियोगिता। जिसमें लगभग 30 महिलाओं ने भाग लिया। 90 सेकेण्ड की इस प्रतियोगिता में मनोरंजन नहीं बल्कि मां दुर्गा के प्रति महिलाओं की भक्ति झलक रही थी
कलकत्ता से आए आदित्यनाथ भट्टाचार्य ने बंगाली विधि विधान के साथ शांतनु चक्रवर्ती, शंकातो चक्रवर्ती व चंदना चक्रवर्ती द्वारा पूजन कराया। संध्या आरती हुई
संध्या आरती के बाद प्रारम्भ हुई महिलाओं के बीच धुनूची नृत्य प्रतियोगिता। जिसमें लगभग 30 महिलाओं ने भाग लिया। 90 सेकेण्ड की इस प्रतियोगिता में मनोरंजन नहीं बल्कि मां दुर्गा के प्रति महिलाओं की भक्ति झलक रही थी। इस अवसर पर एक पहल संस्था के बच्चों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए।
हाथों में धुनूची की ज्योत और मन था भक्ति से ओत-प्रोत। हर भक्त का भाव था माता को प्रसन्न करना। सोलह श्रृंगार कर माता के समक्ष धुनूची नृत्य का यह अनोखा और लुभावना दृष्य था बल्केश्वर दुर्गाउत्सव का।
इस अवसर पर एक पहल संस्था के बच्चों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए।
निर्णायक मंडल में डीपी सरकार, तपन कुमार डे, एसके चक्रवर्ती थे। इस मौके पर अध्यक्ष एससी जैना, सचिव तपन कुमार, कोषाध्यक्ष एसके चक्रवर्ती, कुनाल हूडा, धीरज छावड़ा, अमन गुप्ता, मधुमिता, अतनु चटर्जी, श्रावणी गांगुली, मितुल, देवजीत चक्रवर्ती, प्रिया मंडल, ममता शर्मा, रंजीत चक्रवर्ती, रिषी अग्रवाल आदि भक्त उपस्थित थे।