कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मीडिया कर्मियों के साथ विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के बारें में जानकारी साझा की। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करते हुए बताया गया कि सरकार का पूरा जोर है कि लोगों को घर के नजदीक ही स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया हो सकें। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, आयुष्मान भारत, नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम आदि पर विस्तार से जानकारी दी गयी।
कार्यशाला के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार वत्स ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति पहले से बहुत ही बेहतर हुई है। यहां पर प्राइवेट अस्पतालों से बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करने की पूरी कोशिश की जा रही है, ताकि लोगों को बेवजह अपना पैसा इलाज पर न खर्च करना पड़े। इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी सुविधायें बढ़ायी गयी हैं। एएनएम को टैबलेट दिया गया है, ताकि समुदाय से जुड़ी जो भी जानकारी वह फीड करेगी, उसे जिले से लेकर राज्य स्तर पर बैठे वरिष्ठ अधिकारी आसानी से देख सकते हैं। कार्यशाला की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और जनपद के पत्रकारों का ऐसा एक वॉट्सअप ग्रुप भी बनाया जाये जिससे योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी आसानी से दी जा सके ।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रचना गुप्ता ने छोटा परिवार सुखी परिवार के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के विभिन्न आधुनिक साधन भी उपलब्ध कराये गये हैं जिसमें अन्तरा और छाया को लोग प्राथमिकता दे रहे हैं। यह बहुत ही कारगर और आसान तरीका परिवार को नियोजित करने का है। इसके अलावा उन्होंने गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण की आवश्यकता के बारे में विस्तार से बताया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. यूके त्रिपाठी ने मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनका पूरा जोर संस्थागत प्रसव पर है ताकि किसी भी महिला को जोखिम से आसानी से बचाया जा सके।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी और गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. पीके शर्मा ने कहा कि आज की बदलती लाइफ स्टाइल और आरामतलबी के चलते लोग मधुमेह, हाइपरटेंशन, हृदयरोग आदि से पीड़ित हो रहे हैं। बड़े ही नहीं, बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं, क्योंकि वह शारीरिक श्रम करना ही नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि गैर संचारी रोगों से बचना है तो कम से कम तीस मिनट नियमित रूप से व्यायाम करें। खानपान पर पूरा ध्यान दें। जंक फूड का कम से कम इस्तेमाल करें और भोजन में अंकुरित खाद्य पदार्थो को शामिल करें। इसके अलावा धूम्रपान और अल्कोहल से परहेज करें। नमक और चीनी का इस्तेमाल कम से कम करें।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यू बी सिंह ने इस अवसर पर कहा कि सन 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का सपना प्रधानमंत्री ने देखा है, जिसे पूरा करने के लिए जिले में तमाम कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। एक्टिव केस फाइन्डिग के तहत घ
र-घर टीबी रोगी खोज अभियान पर पूरा फोकस किया जा रहा है, ताकि टीबी रोगियों को जल्द से जल्द से चिन्हित कर उनका इलाज शुरु किया जा सके। इसके अलावा टीबी रोगियों को इलाज के दौरान निःक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह दिये जा रहे हैं।
इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी रमाकान्त दीक्षित ने कहा कि मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं। इसलिए जब हम मच्छर को ही न पनपने दें तो इन बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कूलर की नियमित सफाई, घर और आसपास साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देने की बात कही। कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम प्रबंधक कुलदीप भारद्वाज, गैर संचारी रोगों की जिला समन्वयक ड. आशिमा भटनागर, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी अमित यादव ने भी स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में उपस्थित तमाम मीडिया कर्मियों के सवालों का स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जवाब भी दिया और उन कमियों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया। संचालन सीफार के उत्तर प्रदेश समन्वयक शशिधर द्विवेदी ने किया। व्यवस्थाएं सरिता मलिक, आशीष राज, आगरा डिवीजन प्रभारी सुनील कुमार आदि ने संभालीं।