नोएडा के थाना बादलपुर स्थित गांव दुजाना निवासी किसान सतीश चंद्र गूजर का बेटा अक्षय गूजर 2015 में पुलिस में भर्ती हुआ था। उसकी पहली पोस्टिंग अक्तूबर 2016 में आगरा में ताजगंज थाना में हुई थी। एक साल से वह विभव नगर चौकी पर तैनात था। विभव नगर में संजय शर्मा के मकान की पहली मंजिल पर कमरे में किराये पर रह रहा था।
इंस्पेक्टर थाना ताजगंज ने बताया कि अक्षय हाल ही में एक महीने की ईएल लेकर छुट्टी पर घर गया था। उसने आठ अक्तूबर को थाने में आमद कराई थी। वह घर से सात दिन पहले ही आ गया था। मगर, ड्यूटी पर नहीं आया था। उसकी दोस्ती ताजगंज क्षेत्र में रहने वाली शालिनी से थी।
शालिनी ने पुलिस को बताया कि दोपहर 1:30 बजे अक्षय का फोन आया। कहा कि वह बहुत परेशान है। उससे घरवाले रुपयों की मांग करते हैं। वह इतने रुपये कहां से लेकर आएगा। घर में उसका मां और भाई से भी झगड़ा हो गया था। इस कारण ही वह छुट्टी खत्म होने से पहले आगरा आ गया।
उसने बताया कि फोन पर उसकी जब अक्षय से बात हुई तो उसने बताया कि वह जीना नहीं चाहता है। उसकी यह बात सुनकर वह दोपहर तीन बजे कमरे पर आई। कमरे का दरवाजा भिड़ा हुआ था। जब दरवाजा खोला तो पंखे के कुंडे से रस्सी से बने फांसी के फंदे पर अक्षय लटका मिला। उसने सौ नंबर पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कमरे में तलाशी ली, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। सीओ सदर उदयराज सिंह का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम कराया जाएगा। रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जा रहा है।
पुलिस की सूचना पर परिवारीजन आगरा के लिए चल दिए। पुलिस का कहना है कि सिपाही के पिता से पूछताछ की जाएगी। आखिर सिपाही का झगड़ा रुपयों की वजह से हुआ था या फिर कोई और कारण था? उसकी महिलामित्र के बयान को परिवारीजनों से तस्दीक किया जाएगा।