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चेकिंग के बाद गायब घटना रविवार की है। ताजमहल के दक्षिणी गेट के बाहर कुत्ता पार्क है। यहां पर पुलिस का बैरियर है। इस बैरियर पर एचपीसी अवधेश और पुलिस कांस्टेबल रामनिवास को तैनात किया गया था। शाम के समय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक की ओर से चेकिंग के आदेश आए। दोनों चेकिंग करने में लग गए। वायरलेस सेट कुर्सी पर रख दिया था। चेकिंग के बाद पाया कि वायरलेस सेट गायब है। उन्होंने वायरलेस सेट तलाशने का प्रयास किया, लेकिन नहीं मिला।
चेकिंग के बाद गायब घटना रविवार की है। ताजमहल के दक्षिणी गेट के बाहर कुत्ता पार्क है। यहां पर पुलिस का बैरियर है। इस बैरियर पर एचपीसी अवधेश और पुलिस कांस्टेबल रामनिवास को तैनात किया गया था। शाम के समय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक की ओर से चेकिंग के आदेश आए। दोनों चेकिंग करने में लग गए। वायरलेस सेट कुर्सी पर रख दिया था। चेकिंग के बाद पाया कि वायरलेस सेट गायब है। उन्होंने वायरलेस सेट तलाशने का प्रयास किया, लेकिन नहीं मिला।
यह भी पढ़ें UP Board Result 2018 बस एक क्लिक और जानिए 1oth व 12th के जिलेवार टॉपर खोजने पर भी नहीं मिला एचपीसी अवधेश ने वायरलेस सेट गायब होने के संबंध में ताज सुरक्षा प्रभारी थवेन्दर को जानकारी दी। उन्हें पूरी बात बताई। इसके बाद अन्य पुलिस वालों ने भी वायरलेस सेट खोजने का प्रयास किया। कहीं भी वायरलेस सेट नहीं मिला। तब जाकर पुलिस ने माना कि वायरलेस सेट चोरी हो गया है।
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2005 में ट्रक वाला छीन ले गया था वायरलेस सेट आपको बता दें कि वर्ष 2005 में यातायात निरीक्षक से एक ट्रक वाला वायरलेस सेट छीनकर भाग गया था। यातायात निरीक्षक वहां चेकिंग करने गए थे। इस मामले में थाने में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी। इसका कारण यह था कि यातायात निरीक्षक वहां चेकिंग नहीं कर सकते थे। कार्रवाई से बचने के लिए कबाड़ से निकालकर एक हैंडसेट लावारिस फेंक दिया गया। इसी वायरलेस सेट को यातायात निरीक्षक का बताया गया। इसके नम्बर मिटा दिए गए थे। जांच में इस साजिश का खुलासा हो गया। तब यातायात निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया था।
2005 में ट्रक वाला छीन ले गया था वायरलेस सेट आपको बता दें कि वर्ष 2005 में यातायात निरीक्षक से एक ट्रक वाला वायरलेस सेट छीनकर भाग गया था। यातायात निरीक्षक वहां चेकिंग करने गए थे। इस मामले में थाने में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी। इसका कारण यह था कि यातायात निरीक्षक वहां चेकिंग नहीं कर सकते थे। कार्रवाई से बचने के लिए कबाड़ से निकालकर एक हैंडसेट लावारिस फेंक दिया गया। इसी वायरलेस सेट को यातायात निरीक्षक का बताया गया। इसके नम्बर मिटा दिए गए थे। जांच में इस साजिश का खुलासा हो गया। तब यातायात निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया था।