सड़क हादसे में घायल हुआ था राहुल
सात महीने पहले फतेहाबाद थाना क्षेत्र में सड़क हादसा हुआ था। इस हादसे में राहुल गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसका इलाज प्राथमिक तौर पर आगार में कराने के बाद फायदा होता न देख परिजन राहुल को जयपुर ले गए, जहां कई महीने तक इलाज चला। इस दौरान घर में इकलौते कमाने वाले नाती को बचाने के लिए परिजनों ने लाखों रुपये इलाज में लगा दिए। बुजुर्ग हो चुके बाबा और दादी भी जीवन जीने के इकलौते सहारे को बचाने के लिए परेशान हैं। बुजुर्ग बाबा का कहना है कि इस बुढ़ापे में अब वे जाएं भी तो कहां जाएं। राहुल को कुछ हुआ, तो उनका तो बुढ़ापा भी बिगड़ जाएगा। वहीं दादी का भी रो रो कर बुरा हाल है। दादी का कहना है कि राहुल आंखों का तारा है। उसे कुछ हुआ, तो जी नहीं पाएंगे।
सात महीने पहले फतेहाबाद थाना क्षेत्र में सड़क हादसा हुआ था। इस हादसे में राहुल गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसका इलाज प्राथमिक तौर पर आगार में कराने के बाद फायदा होता न देख परिजन राहुल को जयपुर ले गए, जहां कई महीने तक इलाज चला। इस दौरान घर में इकलौते कमाने वाले नाती को बचाने के लिए परिजनों ने लाखों रुपये इलाज में लगा दिए। बुजुर्ग हो चुके बाबा और दादी भी जीवन जीने के इकलौते सहारे को बचाने के लिए परेशान हैं। बुजुर्ग बाबा का कहना है कि इस बुढ़ापे में अब वे जाएं भी तो कहां जाएं। राहुल को कुछ हुआ, तो उनका तो बुढ़ापा भी बिगड़ जाएगा। वहीं दादी का भी रो रो कर बुरा हाल है। दादी का कहना है कि राहुल आंखों का तारा है। उसे कुछ हुआ, तो जी नहीं पाएंगे।
मकान रख दिया गिरवी
राहुल की हालत में कोई सुधार नहीं है। राहुल के इलाज के लिए मकान गिरवी रखने के बाद भी पैसों की कमी पड़ने पर आसपास पड़ोस के लोगों ने राहुल के इलाज के लिए चंदा तक किया।हालत में सुधार होने की बजाए राहुल की बीमारी गंभीर रूप लेती जा रही है। अब बीमारी का आलम ये है कि राहुल के पेट में बड़ा सुराग हो गया है, जिसके अंदर से खाना और पानी बाहर निकल रहा है। शरीर पूरी तरह से कंकाल में तब्दील हो गया है। जन प्रतिनिधी से गुहार लगाने के बाद अब राहुल को बचाने के लिए परिजन प्रशासनिक अधिकारी और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। वहीं जिंदगी की जंग लड़ रहे राहुल ने भी सरकार से गुहार लगाई है कि वो जीना चाहता है, उसको बचा लिया जाए।
राहुल की हालत में कोई सुधार नहीं है। राहुल के इलाज के लिए मकान गिरवी रखने के बाद भी पैसों की कमी पड़ने पर आसपास पड़ोस के लोगों ने राहुल के इलाज के लिए चंदा तक किया।हालत में सुधार होने की बजाए राहुल की बीमारी गंभीर रूप लेती जा रही है। अब बीमारी का आलम ये है कि राहुल के पेट में बड़ा सुराग हो गया है, जिसके अंदर से खाना और पानी बाहर निकल रहा है। शरीर पूरी तरह से कंकाल में तब्दील हो गया है। जन प्रतिनिधी से गुहार लगाने के बाद अब राहुल को बचाने के लिए परिजन प्रशासनिक अधिकारी और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। वहीं जिंदगी की जंग लड़ रहे राहुल ने भी सरकार से गुहार लगाई है कि वो जीना चाहता है, उसको बचा लिया जाए।