यह भी पढ़ें आगरा के इतिहास में साल का सबसे बड़ा रक्तदान, एक दिन में 440 यूनिट Blood Donate सात देशों की संस्कृति का अध्ययन किया इस परियोजना के दौरान विद्यालय के छात्रों ने विभिन्न देशों- नेपाल, चीन, जापान, नार्वे, रूस, हांगकांग, सिंगापुर की संस्कृति, सभ्यता और परंपरा पर विस्तृत अध्ययन करते हुए उनसे जुड़ी गतिविधियों को विभिन्न रूपों में प्रस्तुत किया। वहाँ की शिक्षण पद्धति और तकनीक को जानकर उसे अपने पाठ्यक्रम में अपनाया। नेपाल की ज्ञानदा अकादमी के साथ प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के छात्रों ने तीन परियोजनाओं पर सहयोग करते हुए विचारों का आदान-प्रदान कर उनका क्रियान्वयन किया। स्काइप सैशन के माध्यम से दोनों देशों के विद्यार्थियों ने एक-दूसरे को जाना, परियोजनाओं पर आपस में विचार साझा किए और ब्लॉग राइटिंग के माध्यम से अपने भाव प्रकट किए।
यह भी पढ़ेंछात्रों में देशभक्ति जगान की जिम्मेदारी शिक्षकों पर सामाजिक उत्तरदायित्व सिखाया प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता ने बताया कि विद्यालय प्रारंभ से ही एक प्रगतिशील विद्यालय रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर के पाठ्यक्रम ने छात्रों को विविध संस्कृतियों और लोगों को खुले दिल से स्वीकारने और प्रशंसा करने में सक्षम बनाया है। छात्रों को 21वीं सदी के अनुरूप तैयार करने पर बल दिया जा रहा है। छात्रों को छात्र केंद्रित पाठ्यक्रम दे रहे हैं, जो उनकी सृजनात्मकता, विवेचनात्मक सोच को विकसित करे। अनुभव के द्वारा वैश्विक शिक्षा और स्थानीय स्तर पर समाज सेवा से छात्रों में वैश्विक संवेदनशीलता बढे़गी, विविधता को आत्मसात करने और नेतृत्व का गुण आरोपित होगा, जो उनकी कार्य करने की क्षमता और एक दूसरे पर आश्रित में संसार की भावना अभिवृद्धि में सहायक होगा। हमारे छात्रों के अनुभव के माध्यम से सीखने पर उनके विभिन्न कौशल श्रेष्ठ रूप में निखरेंगे और वे एक श्रेष्ठ सामाजिक उत्तरदायित्व को जानने वाले नागरिक के रूप में बढेंगे।
यह भी पढ़ें किशोर विद्यार्थियों को पढ़ाने से पहले उनके मनोविज्ञान को जानें चॉक और डस्टर से छात्रों को समर्थ नहीं बना सकते हमारे अंतरराष्ट्रीय सहकार्य और सहयोग ने हमारे छात्रों को अंतरराष्ट्रीय संस्कृतियों से जुडे और जानने में सक्षम बनाया। आज यह सर्वमान्य तथ्य है कि पारंपरिक चॉक और डस्टर के माध्यम पाठ्यक्रम को पढ़ाने से आप युवाओं को भविष्य के लिए पूर्णतः समर्थ नहीं बना सकते। हमको मूल्यों पर आधारित अनुभव के द्वारा सीखने की ओर उन्मुख होना आवश्यक है। अंतरराष्ट्रीय स्कूल सम्मान में (अवार्ड) इन सभी चुनौतियों का सम्यक एवं दृढ़तापूर्वक पूरा करने में हमारी सहायता की है। नेतृत्व की चुनौती को स्वीकारना जिससे सहयोग, नवीन परिवर्तन और परियोजना प्रबंधन में वृद्धि हुई।
यह भी पढ़ें बाल कवियों ने सुनाई कविता तो सांसद कहने लगे वाह-वाह सकारात्मक प्रभाव छात्रों को इस विधि से पढ़ाया गया जिससे वैश्विक विषय वस्तु/प्रसंग पाठ्यक्रम में समायोजित करने में मदद मिली। अंतरराष्ट्रीय स्कूल अवार्ड ने सूचना एवं संचार तकीनीकी और शिक्षण को सुरक्षित एवं संरचना तरीके से प्रयोग के प्रति जाग्रत बनाया। ब्रिटिश काउंसिल द्वारा प्रमाणित किए जाने पर प्राप्त इंटरनेशनल स्कूल अवार्ड ने विद्यालय, छात्रों एवं शिक्षकों ने इस प्रकार सकारात्मक प्रभाव डाला दूसरे देशों एवं संस्कृतियों के साथ काम करने के अवसर ने शिक्षकां एवं छात्रों को संसार के प्रति एक नया दृष्टिकोण/नई सोच दी। छात्रों को वैश्विक अर्थव्यवस्था के अनुरूप नए अवसरों के लिए जीवन कौशल और कार्य करने के लिए तैयार करने का अवसर मिला। हमारे विद्यालय को एक सुखद एवं आकर्षक नई पहचान वैश्विक परिपेक्ष्य में उपलब्ध हुई। ब्रिटिश काउंसिल के सहचार्य से हम अपने छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ा रहे हैं। साथ ही अंतरराष्ट्रीय संस्कृति के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाकर बहुआयामी व्यक्तित्व निर्माण का कार्य कर रहे हैं।