इस तरह हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारम्भ मीरा परिहार ने सरस्वती वंदना के साथ किया। मुख्य अतिथि डॉ. प्रीति आनन्द ने लघु कथाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। रमा वर्मा श्याम ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। लघु कथा के सैद्धांतिक पत्र पर डॉ. नीलम भटनागर, डॉ. सुषमा, सुषमा सिंह व यशोधरा यादव ने प्रकाश डाला। व्यक्ति के चरित्र के विभिन्न आयोमों को उद्घाटित करती, विडम्बनों को रेखांकित करती, राजनीतिक दांव पेंचों की बखिया उधेड़ती, आर्थिक असमानता के यथार्त के दंश को अभिव्यक्त करती, निरंतर आ रही सांस्कृतिक गिरावट को रोकने का प्रयास करती लघु कथाएं प्रस्तुत भी की गई।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मीरा परिहार ने सरस्वती वंदना के साथ किया। मुख्य अतिथि डॉ. प्रीति आनन्द ने लघु कथाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। रमा वर्मा श्याम ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। लघु कथा के सैद्धांतिक पत्र पर डॉ. नीलम भटनागर, डॉ. सुषमा, सुषमा सिंह व यशोधरा यादव ने प्रकाश डाला। व्यक्ति के चरित्र के विभिन्न आयोमों को उद्घाटित करती, विडम्बनों को रेखांकित करती, राजनीतिक दांव पेंचों की बखिया उधेड़ती, आर्थिक असमानता के यथार्त के दंश को अभिव्यक्त करती, निरंतर आ रही सांस्कृतिक गिरावट को रोकने का प्रयास करती लघु कथाएं प्रस्तुत भी की गई।
इन्होंने प्रस्तुत की लघु कथाएं
मुख्य रूप से डॉ. रेखा कक्कड़, सविता मिश्रा, नूतन अग्रवाल, मीना गुप्ता, पूनम जाकिर, अलका अग्रवाल, निकिता श्रीवास्तव, डॉ. शसि सिंह, विजया तिवारी, माया असोक, राजकुमारी चौहान, डॉ. पूनम तिवारी, कल्पना श्रीवास्तव, डॉ. मधु पाराशर, राजश्री आदि ने अपनी लघु कथाएं प्रस्तुत कीं। संचालन डॉ. पुनीता पचौरी, डॉ. मनिन्दर कौर कमला सैनी ने धन्यवाद दिया।
मुख्य रूप से डॉ. रेखा कक्कड़, सविता मिश्रा, नूतन अग्रवाल, मीना गुप्ता, पूनम जाकिर, अलका अग्रवाल, निकिता श्रीवास्तव, डॉ. शसि सिंह, विजया तिवारी, माया असोक, राजकुमारी चौहान, डॉ. पूनम तिवारी, कल्पना श्रीवास्तव, डॉ. मधु पाराशर, राजश्री आदि ने अपनी लघु कथाएं प्रस्तुत कीं। संचालन डॉ. पुनीता पचौरी, डॉ. मनिन्दर कौर कमला सैनी ने धन्यवाद दिया।