वहीं कई जगह बिजली के खंभे, पेड़ उखड़ने के साथ ही मकान गिरने की भी सूचना आई है। इस आंधी में 3 लोगों की मौत की खबर है, वहीं 25 लोग घायल हैं। सदर क्षेत्र में मकान ढहने से एक बालिका और फतेहाबाद में दो लोगों की मौत हो गई, करीब डेढ़ दर्जन लोगों के घायल होने की भी सूचना है। विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पशु-पक्षियों की भी जान गई है। आगरा-बयाना रेल ट्रैक पर दो स्थानों पर पेड़ गिरने से श्रमिक स्पेशल ट्रेन को स्टेशन पर रोकना पड़ा।
आगरा में करीब 124 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चलीं, इस आंधी ने जान और माल का काफी नुकसान कर दिया है। आंधी से 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 घायल हैं। मरने वालों में डौकी, फ़तेहाबाद, सदर के निवासी शामिल हैं। करीब 35 मिनट तक तेज आंधी में सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए। जानकारी के अनुसार आंधी के बाद ओले और तेज बारिश भी हुई। इसमें शहर में कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए, कुछ गिर भी गए। पूरे जिले में 200 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए। वहीं इसमें जानवरों और पक्षियों को भी काफी कहर झेलना पड़ा। सबसे ज्यादा नुकसान आगरा-जयपुर हाईवे पर देखने को मिला। यहां दर्जनों पेड़े गिरने की सूचना है। वहीं शहर में जयपुर हाउस, शाहगंज में भी नुकसान हुआ है।
इससे पहले आंधी से ताजमहल में वर्ष 2018 में दो बार पिलर और पत्थर गिरे थे। 2018 में 11 अप्रैल और दो मई को आंधी से रॉयल गेट, दक्षिणी गेट के उत्तर पश्चिम गुलदस्ता पिलर टूटकर गिर गए थे। सरहिंदी बेगम, फतेहपुरी बेगम के मकबरों में भी गुलदस्ता पिलर गिरे थे। बता दें कि ताजमहल में यमुना किनारे की तरफ बंधी पाड़ गिरी है। अंधेरे की वजह से नुकसान की पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है। सुबह इसका आकलन कराया गया। फतेहपुर सीकरी, एत्माद्दौला में कोई नुकसान नहीं हुआ है।