आगरा

110 वर्ष पुराना ये रेलवे स्टेशन अब नहीं रहेगा, तोड़ने का हुआ फैसला

सन् 1904 में हुआ था राजा की मंडी रेलवे स्टेशन का निर्माण।

आगराDec 07, 2017 / 04:34 pm

धीरेंद्र यादव

Raja Ki Mandi Railway Station

आगरा। सन् 1904 में शुरू हुआ राजा की मंडी रेलवे स्टेशन अब नहीं रहेगा। रेलवे प्रशासन ने इसे तोड़ने का फैसला किया है। इसके पीछे का कारण है, कि यहां तीसरी रेलवे लाइन डाली जा रही है। इसके लिए जगह चाहिए। इस स्टेशन पर कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा, उससे पहले बिल्लोचपुरा रेलवे स्टेशन को यात्रियों के लिए डेवलप कर दिया जाएगा।
बना रहा बाधा
राजा की मंडी रेलवे स्टेशन रेल लाइन विस्तारीकरण में तकनीकी रूप से बाधा बन रहा है। इस स्टेशन को हटाकर रेलवे बिल्लोचपुरा स्टेशन को विकसित करने की तैयारी कर रहा है। झांसी-मथुरा तीसरी रेल लाइन स्वीकृत हो चुकी है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक काफी प्रयास के बाद भी राजा मंडी स्टेशन पर इतनी जगह नहीं निकल रही है कि तीसरी रेल लाइन डाली जा सके। पहले माना जा रहा था कि प्राचीन माता मंदिर हटाने के बाद रेल लाइन डाली जा सकती है। अव्वल तो मंदिर हटा कर किसी मुद्दे को रेलवे हवा नहीं देना चाहता। इसके अलावा तकनीकी जानकारों ने भी स्पष्ट किया है कि मंदिर हटने के बाद भी लाइन नहीं डल सकेगी।
ये बनेगा विकल्प
रेलवे पीआरओ संचित त्यागी ने बताया कि बिल्लोचपुरा स्टेशन को राजा मंडी स्टेशन के विकल्प के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की गई है। योजना के मुताबिक राजा मंडी स्टेशन को खत्म कर यहां की इमारत तोड़ दी जाएगी। वहां से मथुरा-झांसी रेल लाइन निकाल दी जाएगी। वहीं, बिल्लोचपुरा स्टेशन पर पर्याप्त स्थान है। वहां आसानी से लाइन डाली जा सकती है।
आगरावासियों के लिए होगी सुविधा
राजा की मंडी स्टेशन को खत्म कर बिल्लोचपुरा को विकसित करने से शहरवासियों के लिए भी आसानी होगी। यह बदलाव सुविधाजनक होगा। बिल्लोचपुरा में कई ट्रेनों का ठहराव होगा। यहां से रेलवे लाइन पर अंडरपास बना दिया जाए, तो यह आईएसबीटी से बिल्कुल नजदीक होगा। दिल्ली से बस द्वारा आईएसबीटी आने-जाने मुसाफिरों के लिए भी बिल्लोचपुरा स्टेशन सबसे मुफीद होगा।
 

 

 

 

 

 

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