रामायण पर आधारित धनुष यज्ञ लीला में मानवी, सौम्यांशी, शिवानी, मनु, तरुण, दिव्यांश आदि ने मुख्य भूमिका निभाई। धनुष यज्ञ लीला इतने मनोरम ढंग से प्रस्तुत की गई कि अतिथि देखते ही रह गए। पार्श्व गायक सौम्या और मनीषा ने शानदार प्रस्तुति दी। राम, लक्ष्मण, सीता, रावण आदि के स्वरूपों ने दिखा दिया कि उनमें नाटक प्रस्तुत करने की प्रतिभा है। प्रधानाचार्य रामशरण पांडे ने पार्श्व स्वर दिया, जिसे सुनकर हर हृदय आह्लादित हो गया।
श्री पांडे ने बताया कि भारतीय से ओतप्रोत कार्यक्रमों में भाग लेने से बच्चों में अच्छे संस्कार आते हैं। देश में केवल विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालय ही शिक्षा के साथ संस्कार सिखाते हैं। बच्चों को अभी से यह बताया जाना जरूरी है कि हमारा इतिहास गौरवशाली है। रामायण, महाभारत, गीता, वेद, पुराण, उपनिषद कोई कल्पना नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ हैं।