भारत में हर साल करीब एक करोड़ मामले एनीमिया के आते हैं। उनमें भी सर्वाधिक महिलाएं इस समस्या से जूझती हैं। ग्लोबल न्यूट्रीशन रिपोर्ट 2017 के मुताबिक देश में 51 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की परेशानी झेल रही हैं। एनीमिया यानी रक्त में पर्याप्त लाल रक्त कणिकाओं या हीमोग्लोबिन का न होना। हीमोग्लोबिन शरीर में आॅक्सीजन पहुंचाने का काम करता है, इसकी कमी होने से शरीर में आॅक्सीजन का प्रवाह अवरुद्ध होने लगता है, जिसके कारण मरीज का चलना फिरना, रोजमर्रा के कामकाज करना भी मुश्किल हो जाता है। आइए जानते हैं एनीमिया से जुड़ीं तमाम बातें और उपाय।
प्रमुख कारण जानें
नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत शर्मा बताते हैं कि एनीमिया शरीर में आयरन की कमी, बहुत अधिक रक्तस्राव हो जाने से, रुमेटॉयड आर्थराइटिस, बवासीर, महिलाओं में मासिक धर्म के कारण, थैलेसीमिया, हाइपोथायराइडिज्म, किडनी संबंधी परेशानी समेत तमाम कारणों से हो सकता है। लेकिन सबसे ज्यादा इस परेशानी से महिलाएं जूझती हैं, उसका कारण मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव होना है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गों में भी ये समस्या देखने को मिलती है। विटामिन बी 12 की कमी के कारण भी ये परेशानी होती है।
नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत शर्मा बताते हैं कि एनीमिया शरीर में आयरन की कमी, बहुत अधिक रक्तस्राव हो जाने से, रुमेटॉयड आर्थराइटिस, बवासीर, महिलाओं में मासिक धर्म के कारण, थैलेसीमिया, हाइपोथायराइडिज्म, किडनी संबंधी परेशानी समेत तमाम कारणों से हो सकता है। लेकिन सबसे ज्यादा इस परेशानी से महिलाएं जूझती हैं, उसका कारण मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव होना है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गों में भी ये समस्या देखने को मिलती है। विटामिन बी 12 की कमी के कारण भी ये परेशानी होती है।
लक्षणों को समझें
हर समय थकान महसूस होना, उठने-बैठने पर चक्कर आना, थोड़ा काम करते ही सांस फूल जाना, त्वचा और आंखों में पीलापन, दिल की असामान्य धड़कन, जोड़ों में दर्द, लिवर संबंधी परेशानी, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, हाथ पैरों का ठंडा पड़ना आदि।
हर समय थकान महसूस होना, उठने-बैठने पर चक्कर आना, थोड़ा काम करते ही सांस फूल जाना, त्वचा और आंखों में पीलापन, दिल की असामान्य धड़कन, जोड़ों में दर्द, लिवर संबंधी परेशानी, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, हाथ पैरों का ठंडा पड़ना आदि।
एनीमिया से है हार्ट फेल का खतरा
शुरुआत में हम इन लक्षणों को सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन धीरे धीरे ये लक्षण गंभीर होने लगते हैं। इसकी वजह से दिल को शरीर तक आॅक्सीजन पहुंचाने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, जिसके कारण हार्ट फेल या हार्ट के आकार में परिवर्तन की समस्या आ सकती है। वहीं गर्भवती महिलाओं को एनीमिया के कारण कई जटिलताएं झेलनी पड़ सकती हैं।
शुरुआत में हम इन लक्षणों को सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन धीरे धीरे ये लक्षण गंभीर होने लगते हैं। इसकी वजह से दिल को शरीर तक आॅक्सीजन पहुंचाने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, जिसके कारण हार्ट फेल या हार्ट के आकार में परिवर्तन की समस्या आ सकती है। वहीं गर्भवती महिलाओं को एनीमिया के कारण कई जटिलताएं झेलनी पड़ सकती हैं।
जल्द स्थिति सुधारेंगे ये रामबाण उपाय – भुने चने को गुड़ के साथ मिलाकर खाने से हीमोग्लोबिन में तेजी से इजाफा होता है।
– इसके अलावा चुकंदर, अनार, केला और सेब का नियमित सेवन भी इसमें काफी लाभकारी है।
– 100 ग्राम शहद में 0.42 मि.ग्रा. आयरन होता है इसलिए ज्यादा से ज्यादा शहद का सेवन करें।
– टमाटर में भरपूर मात्रा में विटामिन सी और लाइकोपिन पाया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है, इसलिए टमाटर एनीमिया के मरीजों के लिए लाभकारी है।
– पालक, लौकी, ब्रोकली और हरा धनिया अधिक से अधिक खाएं। चाहें तो हरे धनिए की चटनी बनाकर खा सकते हैं।
– अंकुरित अनाज हीमोग्लोबिन में तेजी से वृद्धि करता है, इसलिए नियमित रूप से इसका सेवन करें।
– 10 से 12 किशमिश को रातभर भिगोकर सुबह उसका पानी पीने व किशमिश खाने से तेजी से हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
– इसके अलावा चुकंदर, अनार, केला और सेब का नियमित सेवन भी इसमें काफी लाभकारी है।
– 100 ग्राम शहद में 0.42 मि.ग्रा. आयरन होता है इसलिए ज्यादा से ज्यादा शहद का सेवन करें।
– टमाटर में भरपूर मात्रा में विटामिन सी और लाइकोपिन पाया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है, इसलिए टमाटर एनीमिया के मरीजों के लिए लाभकारी है।
– पालक, लौकी, ब्रोकली और हरा धनिया अधिक से अधिक खाएं। चाहें तो हरे धनिए की चटनी बनाकर खा सकते हैं।
– अंकुरित अनाज हीमोग्लोबिन में तेजी से वृद्धि करता है, इसलिए नियमित रूप से इसका सेवन करें।
– 10 से 12 किशमिश को रातभर भिगोकर सुबह उसका पानी पीने व किशमिश खाने से तेजी से हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
ध्यान रहे
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए दवाएं लेने से बेहतर है कि हम अपना खानपान सुधारें और प्राकृतिक चीजों से इसे बढ़ाएं। ऐसे में चाय, कॉफी , अन्य कैफीनयुक्त पदार्थ व जंकफूड आदि से परहेज करें।
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए दवाएं लेने से बेहतर है कि हम अपना खानपान सुधारें और प्राकृतिक चीजों से इसे बढ़ाएं। ऐसे में चाय, कॉफी , अन्य कैफीनयुक्त पदार्थ व जंकफूड आदि से परहेज करें।