क्या है मामला
वॉटर हार्वेस्टिंग सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और समाजसेवी विष्णु कपूर ने आगरा की पेयजल समस्या के निदान के लिए प्रयास किया था। उन्होंने इसके लिए कीठम स्थित सूरसरोवर का चयन किया है। सूर सरोवर से पानी यमुना में जाता है। उनका सुझाव है कि इस बारिश का पानी फाटक लगाकर यमुना में जाने से रोककर एकत्रित किया जा सकता है। इसके लिए सरकारी जमीन की जरूरत होगी। इस पर होने वाला व्यय वे स्वयं वहन करने के लिए तैयार हैं।
वॉटर हार्वेस्टिंग सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और समाजसेवी विष्णु कपूर ने आगरा की पेयजल समस्या के निदान के लिए प्रयास किया था। उन्होंने इसके लिए कीठम स्थित सूरसरोवर का चयन किया है। सूर सरोवर से पानी यमुना में जाता है। उनका सुझाव है कि इस बारिश का पानी फाटक लगाकर यमुना में जाने से रोककर एकत्रित किया जा सकता है। इसके लिए सरकारी जमीन की जरूरत होगी। इस पर होने वाला व्यय वे स्वयं वहन करने के लिए तैयार हैं।
सरकार को जमीन की सहमति देनी है
विष्णु कपूर ने बताया कि इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया। उन्होंने यहां के अधिकारियों को भेज दिया। अधिकारी कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। परिणाम यह है कि योजना वहीं की वहीं ठप पड़ी है। एक साल हो गया है। सरकार को सिर्फ जमीन देने के लिए सहमति देनी है। सारा परिश्रम और पैसा तो हम लगाने वाले हैं। अफसरों की ढिलाई से आगरा की पेयजल समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो पा रहा है। सूरसरोवर के पास इतना पानी एकत्रित किया जा सकता है कि गर्मी के दिनों में आराम से काम हो जाएगा।
विष्णु कपूर ने बताया कि इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया। उन्होंने यहां के अधिकारियों को भेज दिया। अधिकारी कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। परिणाम यह है कि योजना वहीं की वहीं ठप पड़ी है। एक साल हो गया है। सरकार को सिर्फ जमीन देने के लिए सहमति देनी है। सारा परिश्रम और पैसा तो हम लगाने वाले हैं। अफसरों की ढिलाई से आगरा की पेयजल समस्या का स्थाई समाधान नहीं हो पा रहा है। सूरसरोवर के पास इतना पानी एकत्रित किया जा सकता है कि गर्मी के दिनों में आराम से काम हो जाएगा।