जिला हाथरस के थाना सादाबाद निवासी पवन कुमार के द्वारा यूपी एसटीएफ की आगरा इकाई को अलीगढ़ के गोंडा थाना निवासी सचिन कुमार और आगरा के एक कोचिंग संचालक मुनेश कुमार निवासी अलीगढ़ के खिलाफ जीडी परीक्षा पास कराने को लेकर 2 लाख रुपये लेने और भगवान टॉकीज चौराहा स्थित एक अकादमी के संचालक श्याम सरदार के पास एक साल तक पैसे जमा रहने की सूचना दी गई थी।
पवन कुमार द्वारा सूचना मिलने पर एसटीएफ टीम द्वारा छापा मारे जाने के पश्चात दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया और इस छापेमारी की सूचना मिलने पर अकादमी संचालक श्याम सरदार तुरंत मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश अभी एसटीएफ टीम द्वारा की जा रही है।
यूपी टीईटी में भी हुआ पेपर लीक उत्तर प्रदेश में पेपर लीक मामले में भी अब तक एसटीएफ़ ने दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके पहले दरोगा भर्ती में भी पेपर लीक हुआ था। साल 2017 – 2018 में भी बीईडी और शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी घोटाला हुआ था।
यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग सितंबर 2018 में आयोजित की गई नलकूप आपरेटर भर्ती परीक्षा भी पेपर लीक की वजह से रोक दी गई थी। कुल 3210 पदों पर भर्तियों के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की 29 मार्च 2015 को आयोजित पीसीएस का पेपर लखनऊ के एक सेंटर से लीक हो गया था। इसी वजह से यूपीपीएससी को ये परीक्षा भी स्थगित करनी पड़ी थी.
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड की ओर से दरोगा भर्ती 2016 की परीक्षा को भी पेपल लीक होने के कारण स्थगित किया था. परीक्षा के 4 दिन पहले की पेपर लीक हो गया था. परीक्ष 25- 26 जुलाई 2017 को ऑनलाइन मोड में आयोजित की जानी थी.