एलआईयू ने डाला डेरा
आगरा के रुनकता की नट बस्ती में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ बांग्लादेशी परिवार भी रह रहे हैं। इस बस्ती में एलआईयू के अफसरों ने डेरा डाल दिया है। यहां रहने वाले सभी परिवारों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में जांच अधिकारियों को कई चौंकाने वाली जानकारी भी मिल रही हैं। बड़ी सच्चाई तो ये सामने आई कि आगरा फोर्ट स्टेशन से मिल 16 रोहिंग्या के पास से शरणार्थी कार्ड मिले, लेकिन रुनकता की इस बस्ती में जाकर मालूम हुआ कि यहां 68 रोहिंग्या हैं। बताया यहां तक गया है कि पुलिस की सरगर्मी बढ़ते ही कार्रवाई के डर से कुछ लोग तो भाग चुके हैं।
आगरा के रुनकता की नट बस्ती में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ बांग्लादेशी परिवार भी रह रहे हैं। इस बस्ती में एलआईयू के अफसरों ने डेरा डाल दिया है। यहां रहने वाले सभी परिवारों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में जांच अधिकारियों को कई चौंकाने वाली जानकारी भी मिल रही हैं। बड़ी सच्चाई तो ये सामने आई कि आगरा फोर्ट स्टेशन से मिल 16 रोहिंग्या के पास से शरणार्थी कार्ड मिले, लेकिन रुनकता की इस बस्ती में जाकर मालूम हुआ कि यहां 68 रोहिंग्या हैं। बताया यहां तक गया है कि पुलिस की सरगर्मी बढ़ते ही कार्रवाई के डर से कुछ लोग तो भाग चुके हैं।
गाजी से हो रही पूछताछ
15 वर्ष पहले रुनकता आइ सईद उल गाजी से खुफिया एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। रोहिंग्या के पकड़े जाने के बाद पुलिस का शक उस पर गहरा गया है। पुलिस को गाजी पर बांग्लादेशियों से संबंधों का शक है। रुनकता की नट बस्ती में मंगलवार को इंटेलीजेंस टीम ने कई और लोगों से भी पूछताछ की। जांच पड़ताल में सईद गाजी के अलावा वहां मिला यूनुस ने कई बार अपने बयान बदले। गाजी से मिली जानकारी सही नहीं है, ऐसा एजेंसियों का मानना है। 15 साल पहले आये गाजी ने यहां दो प्लॉट भी खरीद लिये हैं, लेकिन वह कहां से आया इसकी किसी को जानकारी नहीं है।
15 वर्ष पहले रुनकता आइ सईद उल गाजी से खुफिया एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। रोहिंग्या के पकड़े जाने के बाद पुलिस का शक उस पर गहरा गया है। पुलिस को गाजी पर बांग्लादेशियों से संबंधों का शक है। रुनकता की नट बस्ती में मंगलवार को इंटेलीजेंस टीम ने कई और लोगों से भी पूछताछ की। जांच पड़ताल में सईद गाजी के अलावा वहां मिला यूनुस ने कई बार अपने बयान बदले। गाजी से मिली जानकारी सही नहीं है, ऐसा एजेंसियों का मानना है। 15 साल पहले आये गाजी ने यहां दो प्लॉट भी खरीद लिये हैं, लेकिन वह कहां से आया इसकी किसी को जानकारी नहीं है।
यूएनएचसीआर भेजे कार्ड
सीओ एलआईयू ह्देश कठैरिया ने बताया कि संदिग्ध रोहिंग्या शरणार्थियों के कार्ड की फोटो कॉपी यूनाइटेड नेशन हाई कमीशन फोर रिफ्यूजी ( यूएनएचसीआर) के दिल्ली स्थित दफ्तर भेज दी गई हैं। आशंका है ये लोग बांग्लादेशी हैं।
सीओ एलआईयू ह्देश कठैरिया ने बताया कि संदिग्ध रोहिंग्या शरणार्थियों के कार्ड की फोटो कॉपी यूनाइटेड नेशन हाई कमीशन फोर रिफ्यूजी ( यूएनएचसीआर) के दिल्ली स्थित दफ्तर भेज दी गई हैं। आशंका है ये लोग बांग्लादेशी हैं।